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'वीरान' हो रहा टाटामारी, सैलानियों में निराशा

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Published : Mar 1, 2020, 11:51 PM IST

Updated : Mar 2, 2020, 12:00 AM IST

केशकाल में पर्यावरण चेतना केंद्र टाटामारी अपनी सौन्दर्यता के लिए काफी मशहूर है, लेकिन आज मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. चेतना केंद्र टाटामारी तक पहुंचने के लिए सड़क तक नहीं है. साथ ही यहां पेयजल तक की सही से व्यवस्था नहीं है, जिससे सैलानियों में निराशा है.

Tatamari in disarray due to negligence of employees
'वीरान' हो रहा टाटामारी

कोंडागांव: छत्तीसगढ़ में प्रकृति की अकूत संपदा है, चाहे वो झरने हो, नदियां हो, पहाड़ हो या फिर गुफाएं, जिसे देखने लोग देश ही नहीं, विदेश से भी आते हैं. इन्हीं संपदाओं को सरकार सहजने की कोशिश करती है. प्रकृति की देन को संवारने के लिए योजनाएं चलाती है, जिससे की प्रदेश की सुंदरता निखरती रहे, लेकिन कुछ अधिकारी और कर्मचारियों की नाकामी की वजह से प्रकृति की खूबसूरती पर धब्बा लग रहा है.

'वीरान' हो रहा टाटामारी

हम बात कर रहे हैं केशकाल से कुछ ही दूरी पर स्थित 'चेतना केंद्र टाटामारी' की, जो अपनी सौन्दर्यता के लिए काफी मशहूर है, जिसे निहारने प्रदेश के कोने-कोने से लोग आते हैं, लेकिन ये खूबसूरती से भरा पर्यटन स्थल जिम्मेदारों की कोताही और नाकामी की वजह से आज वीरान पड़ा है', जो चारों तरफ पहाड़ों से घिरा मनोरम दृश्य लगता था, लेकिन आज तबाही की कागार तक पहुंच चुका है.

पर्यावरण चेतना केंद्र में सैलानियों के लिए सुविधाएं नहीं

टाटामारी की खूबसूरती को निहारने आए सैलानियों ने बताया कि 'यह जगह काफी खूबसूरत है, जिसे सहजने की जरूरत है. यहां तक पहुंचने के लिए सड़कें नहीं है, सुरक्षा के इंतजाम नहीं है, पर्यावरण चेतना केंद्र में सैलानियों के लिए शौंचालय नहीं है, पीने के लिए साफ पानी नहीं है, जिसे सरकार को पूरा करने की जरूरत है'.

टाटामारी की सौंदर्यीकरण को सहेजा जाएगा

वहीं जब मामले में ETV भारत की टीम केशकाल वन परिक्षेत्र के DFO मणिवासगन एस से जानकारी ली, तो उन्होंने कहा कि टाटामारी में विकास कार्य करना उनकी प्रथम प्राथमिकता है. हम अगले वित्तीय सत्र में टाटामारी के सौंदर्यीकरण और आवश्यक मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखते हुए आवागमन के लिए सड़क, पुल, गार्डन और पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराएंगे, जिससे सैलानियों को किसी तरह की असुविधा नहीं होगी'.

'पर्यावरण चेतना केंद्र टाटामारी' की सौन्दर्यता खस्ताहाल

बहरहाल, सरकार की नाकामी, जिम्मेदारों की कोताही से 'पर्यावरण चेतना केंद्र टाटामारी' की सौन्दर्यता खस्ताहाल हो चुकी है, जिसे फिर से सहजने की जरुरत है, जिससे टाटामारी के सैलानियों में निराशा नहीं झूमता हुआ खुशनुमा चेहरा दिखे.

Last Updated : Mar 2, 2020, 12:00 AM IST

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