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कांकेर में बारिश ने खोली पोल

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Published : Jul 14, 2022, 3:15 PM IST

rain in Kanker
कांकेर में आफत की बारिश

कांकेर में बारिश आफत बनकर लोगों पर बरस रही है. लगातार बारिश के कारण कांकेर में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत पुलिया पर बनी सड़क भी बारिश में बह गई. (rain in Kanker exposed Prime Ministers Village Road Scheme) है.

कांकेर: कांकेर में लगातार हो रही भीषण बारिश से सड़कें जलमग्न हो चुकी है. इस बीच वीडियो के माध्यम से कांकेर के कई भयावह दृश्य देखने को मिले हैं. साथ ही लोगों को बारिश में कैसे परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, ये दृश्य लगातार देखने को मिल रहा है. इस बीच केन्द्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से गांव और शहर में सड़कों के निर्माण की पोल खुलती नजर आ रही (rain in Kanker exposed Prime Ministers Village Road Scheme) है.

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना

सरकार की खुल रही पोल: सरकार नक्सल प्रभावित अंदरूनी क्षेत्रो में सड़क के जरिए विकास और नक्सलवाद के खात्मे के दावे करते हैं. वंहा ठेकेदार सड़क-पुलिया बनाने में ही घोर लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है. कांकेर जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर सुदूर अंचल तारंदुल से कठोली जाने वाले मार्ग में बनी पुलिया पहली ही बारिश में बह गयी. कांकेर जिले में तीन दिनों से हो रहे बारिश के सैलाब का सामना लगातार लोग कर रहे हैं. जिले के कई नदी नाले उफान पर हैं, तो इस आफत की बारिश ने सरकारी पोल खोलने में भी कमी नहीं दिखाई है.

आवागमन बाधित:कोरर थानाक्षेत्र के तरांदुल और कठौली मार्ग पर महज तीन महीने पहले बीते गर्मी में एक पुल का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना विभाग द्वारा किया गया था. यह पुल पहली बारिश को ही नहीं झेल पाया और टूट गया. तीन महीने पहले ही निर्माण किए गए पुल का टूटना पीएमजीएसवाई विभाग के गुणवत्ताहीन किए गए कार्य को दर्शाता है. पुल के टूटने से आस-पास के कई गांव के लोगों को आवागमन के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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ग्रामीणों को हो रही परेशानी:ग्रामीणों की मानें तो इस पुल के टूटने से राशन, स्वास्थ्य सुविधाओं जैसे कई मूलभूत जरूरतों की पूर्ति अब नहीं हो पा रही है. जबकि ग्रामीणों ने पुल निर्माण के दौरान ही गुणवत्ताहीन कार्य को लेकर सवाल पैदा किए थे. अधिकारियों को चेताया था लेकिन गुणवत्ताहीन कार्य किए गए.. जिसका परिणाम ग्रामीणों को आज भुगतना पड़ रहा है.

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