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जांजगीर-चांपा: प्रोजेरिया बीमारी के जकड़ में 5 महीने का मासूम, परिवार ने PM मोदी से लगाई मदद की गुहार

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Published : Sep 10, 2020, 6:30 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 7:01 PM IST

कोरोना वायरस के कारण हर तबका खौफजदा है. कोरोना ने रोजगार के साथ कई जिंदगियां भी छीन ली है. इसी बीच नट समाज के एक परिवार पर कुदरत की दोहरी मार पड़ी है. जहां एक ओर कोरोना ने परिवार का रोजगार छीन लिया, अब 5 महीने के बच्चे को प्रोजेरिया बीमारी ने जकड़ लिया है.

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प्रोजेरिया बीमारी के जकड़ में 5 महीने का मासूम

जांजगीर-चांपा: दूसरे राज्यों में खेल तमाशा कर अपना भरण-पोषण करने वाले नट समाज के एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. एक अनोखी बीमारी से पहले बच्चे की मौत हो चुकी है, जबकि दूसरे बच्चे को भी उसी बीमारी ने जकड़ लिया है. स्थिति यह है कि परिवार के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है, ताकि दूसरे बच्चे की किसी तरीके से जान बचाई जा सके.

प्रोजेरिया बीमारी के जकड़ में 5 महीने का मासूम

मूलतः गुजरात के रहने वाले नट समाज के लोग जांजगीर-चांपा जिले के कई गांवों में बसे हुए हैं, जो बरसात के बाद 4 महीने यहीं रहते हैं. बरसात के बाद दूसरे राज्यों में खेल तमाशा दिखा कर अपना जीवन यापन करते हैं. इसी बीच बारगांव में रहने वाले नट समाज के एक परिवार पर दोहरी मार पड़ी है. कोरोना काल के बीच बेरोजगारी से जूझते परिवार के 5 महीने के बच्चे को प्रोजेरिया नाम की बीमारी ने जकड़ लिया है, जो बिलकुल लाइलाज है.

जांजगीर-चांपा में रह रहा नट समाज

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लाइलाज बीमारी की चपेट में 5 महीने का मासूम

ऐसा नहीं है कि यह परिवार पहली बार इस तरीके के समस्या से जूझ रहा है. इसके पहले भी कमलेश नट के पहले पोते को भी इसी बीमारी ने घेर लिया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी, लेकिन मुसीबत यह है कि दूसरा पोता जो हुआ है, वह भी इस लाइलाज बीमारी की चपेट में है. स्थिति यह है कि रोते- बिलखते बच्चे को देखते हुए परिवार के लोग सहम जाते हैं, क्योंकि इस बीमारी के इलाज में लाखों रुपए का खर्च है.

डॉक्टर ने दवाओं की सूची दी

पहले भी एक बच्चे को निगल गई प्रोजेरिया

यह परिवार यह नहीं जानता की बीमारी कौन सी है, लेकिन जिस तरीके से तस्वीर में साफ दिखाई दे रही है. यह बीमारी प्रोजेरिया है, जो कि करोडों लोगों में से किसी एक को ही होती है. 5 महीने के बच्चे को लगातार झटके आते हैं, जिससे बच्चा रोता रहता है. कमलेश नट के परिवार वालों का कहना है कि, पहले बच्चे जिसकी मौत हो गई, उसे भी झटके आते थे. बच्चे का धीरे-धीरे सिर बड़ा हुआ और बीमारी बच्चे को निगल गई.

परिवार को मदद दिलाने का आश्वासन

डॉक्टरों के मुताबिक बच्चे को प्रोजेरिया बीमारी है. पहले बच्चे की तस्वीर भी प्रोजेरिया बीमारी से मिलती-जुलती है. 2 साल पहले अगस्त सितंबर में ही पहले बच्चे की मौत हो गई थी, लेकिन मुसीबत यह है कि दूसरा बच्चा भी उसी बीमारी की चपेट में हैं. मामले में जांजगीर खंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सौरभ यादव ने कहा कि ETV भारत के माध्यम से जानकारी मिली है. सरकार की योजनाओं का लाभ दिया जाएगा.

Last Updated :Sep 10, 2020, 7:01 PM IST

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