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गौरेला पेंड्रा मरवाही में कस्टम मिलिंग के चावल में बड़ी हेराफेरी

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 20, 2023, 12:41 PM IST

Updated : Dec 20, 2023, 1:45 PM IST

GPM Food Department Caught Custom Milling Rice गौरेला पेंड्रा मरवाही में कस्टम मिलिंग के चावल में बड़ी हेराफेरी का मामला सामने आया है. मामले में खाद्य विभाग जांच कर रहा है.

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गौरेला पेंड्रा मरवाही न्यूज

कस्टम मिलिंग के चावल में बड़ी हेराफेरी

गौरेला पेंड्रा मरवाही: सोमवार देर रात सहायक खाद्य अधिकारी ने पेट्रोल पंप में संदिग्ध अवस्था में खड़े चावल लोड ट्रक को पकड़ा. पूछताछ में ड्राइवर ने कोरबा के कटघोरा के मातेश्वरी राइस मिल के नाम का दस्तावेज दिखाया. जिसे वह बिलासपुर के करगी रोड कोटा के एफसीआई गोदाम में जमा करने जा रहा था. खाद्य अधिकारी को मामले में गोलमाल लगा और चावल से भरे ट्रक को जब्त कर लिया.

कस्टम मिलिंग के चावल में बड़ी हेराफेरी: खाद्य अधिकारी ने चावल से भरे ट्रक को कब्जे में लेकर ड्राइवर से पूछताछ शुरू की. ड्राइवर ने बताया कि उसने यह चावल गौरेला के अंजनी औद्योगिक केंद्र स्थित जेपी अग्रवाल राइस मिल के गोदाम से लोड किया है. जिसे एफसीआई करगीरोड में खाली करना है. पूरा मामला संदिग्ध मानकर सहायक खाद्य अधिकारी ने ट्रक को थाने में खड़ा कर दिया. खाद्य विभाग इस पूरे मामले पर गुपचुप तरीके से जांच कर रहा है. हालांकि प्रशासन की टीम अब तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है. प्रथम दृष्टया यह पूरा मामला राइस मिलर्स द्वारा आपस में सांठ गांठ कर सरकार द्वारा खरीदे गए धान का उठाव कर दूसरे राइस मिलर के नाम पर चावल जमाकर उससे पैसा लेने यानी सरकारी चावल को बेचने के साथ साथ परिवहन राशि में चोरी का है.

जिले का शासकीय धान का चावल जेपी अग्रवाल मिल वाले कोटा के राइस मिल में बेचने के लिए भेज रहे हैं. इस आशंका से कि सरकारी चावल को दूसरे जगह भेजा जा रहा है चावल जब्त कर लिया है. पेंड्रा पुलिस जांच कर रही है.-नटवर राठौर, सहायक खाद्य अधिकारी

पुलिस ने दो ट्रक भरकर चावल पकड़ाया. ड्राइवर पूछताछ में उसने राइस मिल से चावल लेकर निकलने की बात कही. जिसे कस्टम मिलिंग में जमा करने ले जाया जा रहा था. मामले की जांच जारी है- प्रियंका ऋषि महोबिया, कलेक्टर

हर राइस मिलर को सरकारी धान की मिलिंग करने के बाद सरकार की तरफ से निर्धारित अनुपात में नान और एफसीआई को चावल देना होता है. जिसकी आपूर्ति का अनुपात शासन के मापदंडों और मांग के अनुसार कम ज्यादा होता है. यह पूरा मामला भी इसी से जुड़ा हुआ है. राइस मिलर नागरिक आपूर्ति निगम में चावल की आपूर्ति तो निश्चित समय में कर लेते हैं पर एफसीआई के कठोर मापदंड होने की वजह से एफसीआई का पूरा चावल जमा करने में हमेशा देरी होती है. खाद्य विभाग को यही अंदेशा है कि ट्रांसपोर्टिंग में मिलने वाली राशि की चोरी करने के लिए दोनों राइस मिलों ने आपस में सांठगांठ कर शासन से उठाए गए नए धान की मिलिंग कर फूड कॉरपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड के गोदाम में जमा करने का यह खेल किया था.

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Last Updated :Dec 20, 2023, 1:45 PM IST

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