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Bhilai Municipal Corporation: 7 महीने बाद भी नहीं मिला चैंबर तो नगर निगम में ही गाड़ दिया तंबू, नेता प्रतिपक्ष पर लटकी कार्रवाई की तलवार !

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Published : Aug 14, 2023, 6:15 PM IST

Updated : Aug 14, 2023, 6:47 PM IST

Bhilai Municipal Corporation छत्तीसगढ़ के टॉप थ्री नगर निगम और प्रदेश के अमीर निगम में से एक भिलाई नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष अब पेड़ के नीचे अपना कार्यालय खोलकर बैठे हैं. पेड़ के नीचे खुले में उनका दफ्तर देखकर हर कोई हैरान है. बीजेपी पार्षद और सदन के नेता प्रतिपक्ष को इस तरह देख भिलाई नगर निगम की व्यवस्था का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है. हालांकि इस मामले में निगम कमिश्नर ने नेता प्रतिपक्ष पर नियम का उल्लंघन करने और उन पर कार्रवाई की बात कही है. office under tree

Bhilai Municipal Corporation
नहीं मिल चैंबर तो नगर निगम में ही गाड़ दिया तंबू

नहीं मिल चैंबर तो नगर निगम में ही गाड़ दिया तंबू

भिलाई: नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा भिलाई नगर निगम परिसर में पेड़ के नीचे बैठे हैं. बाकायदा टेबल और कुर्सियां भी लगी हैं. लोग भी अपनी फरियाद लेकर यहां पहुंच रहे हैं. भिलाई नगर निगम में कुल 70 पार्षद हैं. हैरान करने वाली बात तो ये है बीजेपी पार्षद और नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा को आखिर क्यों पेड़ के नीचे तंबू गाड़कर बैठना पड़ रहा है. हालांकि उनके ऐसा करने से उन पर अब कार्रवाई की तलवार भी लटक गई है. कमिश्नर रोहित व्यास की ओर से निगम परिसर में अतिक्रमण करने को लेकर नोटिस भी जारी किया गया है.

जनवरी में बनाया गया नेता प्रतिपक्ष, चैंबर अब तक नहीं:भिलाई नगर निगम में 70 वार्ड हैं, जो टाउनशिप और पटरीपार क्षेत्र में बंटे हुए हैं. इसको लेकर तमाम पार्षद निगम के क्षेत्रों का लेखा जोखा और काम करते रहते हैं. भोजराज सिन्हा को अब तक नेता प्रतिपक्ष होने के नाते चैंबर नहीं मिल पाया है, जहां पर बैठकर आम जनता की समस्या सुन सकें या बीजेपी पार्षदों के साथ बैठकर चर्चा कर सकें. डेढ़ साल पहले नगर निगम का चुनाव हुआ था. भोजराज सिन्हा को 16 जनवरी 2023 को भिलाई नगर निगम नेता प्रतिपक्ष का दायित्व सौंपा गया. भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने कई बार आयुक्त और महापौर को नेता प्रतिपक्ष का चैंबर अलाट करने के लिए पत्र लिखा. लेकिन शहर सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. इसी कारण सोमवार को भोजराज सिन्हा ने नगर निगम परिसर में पेड़ के नीचे टेंट में दफ्तर खोल लिया.

नेता प्रतिपक्ष पर लटकी कार्रवाई की तलवार

संवैधानिक पद नहीं है नेता प्रतिपक्ष:नगर निगम एक्ट के अनुसार नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष का पद संवैधानिक नहीं है बल्कि परंपरागत है. नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा का कहना है कि, "भारतीय जनता पार्टी प्रदेश संगठन द्वारा उन्हें 6 महीने पहले नगर पालिका निगम का नेता प्रतिपक्ष घोषित किया गया. इसके बाद मौखिक तौर पर आयुक्त से विपक्ष के पार्षदों ने नगर निगम में बैठने के लिए कक्ष की मांग की. इसके अलावा कंप्यूटर ऑपरेटर की व्यवस्था करने की मांग भी की गई, जो हर नगर निगम में दिया जाता है."

मेरे द्वारा पूर्व में आयुक्त महोदय को ज्ञापन देकर मांग की गई थी कि हम विपक्ष के लोग हैं. विपक्ष के लोगों के बैठने के लिए एक कक्ष की व्यवस्था की जाए, जो व्यवस्था के तहत आता है. लेकिन व्यवस्था नहीं होने के कारण हम विपक्ष के पार्षद अपने वार्ड की समस्या को लेकर यहां आते हैं तो कहीं बैठने की जगह नहीं रहती. इसलिए हम लोगों ने पेड़ के नीचे अपना कार्यालय बनाया है. -भोजराज सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष,भिलाई नगर निगम

वो अपने आप को नेता प्रतिपक्ष बता रहे हैं. उनकी ओर से आवेदन देकर चैंबर, ऑपरेटर और फर्नीचर की मांग की जा रही है. हम लोगों ने निगम का जो एक्ट है, कानून है, उसका परीक्षण कराया. पाया गया कि इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है. चूंकि वो अपनी मर्जी से बिना किसी अनुमति के निगम के प्रतिबंधित क्षेत्र में अतिक्रमण किए हैं तो उनके अतिक्रमण पर हम लोग कार्रवाई करेंगे. उनको नोटिस जारी किया जा चुका है. -रोहित व्यास, कमिश्नर, भिलाई नगर निगम

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तमाम कोशिशों के बाद नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा को चैंबर तो नहीं मिल पाया, लेकिन उनकी मुसीबत जरूर बढ़ने वाली है. अब देखना ये है कि प्रतिबंधित क्षेत्र में अतिक्रमण को लेकर नोटिस देने के बाद प्रशासन उन पर क्या कार्रवाई करता है.

Last Updated :Aug 14, 2023, 6:47 PM IST

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