दंतेवाड़ा: पालनार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्री बर्थ वेटिंग रूम में गर्भवती माताओं का सफल प्रसव किया जा रहा है. जो स्वास्थ्य विभाग के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों का कहना है कि ये सब शासन-प्रशासन की अच्छी पहल से मुमकिन हुआ है.
नक्सलगढ़ में सुधर रही स्वास्थ्य सेवाएं पालनार के आस-पास के गांव जो दूरस्थ नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आते हैं, जिन्हें बुनियादी समेत आपातकाल जैसी स्थिति से निपटने के लिए कई किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. लेकिन अब क्षेत्र में प्री बर्थ वेटिंग रूम खुल जाने से दूरस्थ इलाके में रहने वाले ग्रामीणों को अब राहत मिल रही है.
कई किलोमीटर चलना पड़ता था पैदल
पोटाली गांव के रहने वाले बुधरा नाम के व्यक्ति ने बताया कि, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खुल जाने से उनकी पत्नी की डिलीवरी यहां अच्छे से हो गई. जच्चा-बच्चा दोनों ही ठीक हैं. ग्रामीणों ने बताया कि पहले उन्हें इलाज के लिए कई किलोमीटर पैदल चलकर जाना पड़ता था. लेकिन अब पास में ही स्वास्थ्य केंद्र खुल जाने से पूरे गांव वालों को फायदा मिल रहा है.
ग्रामीणों को हो रही सुविधा
स्वास्थ्य केंद्र की स्टाफ नर्स रीना पासवान ने बताया कि, पालनार में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्री बर्थ वेटिंग रूम खुल जाने से अब लोगों को अच्छी सुविधा मिल रही है. गर्भवती माताओं का प्रसव यहीं कराया जा रहा है. जिससे पालनार के आसपास के गांव के लोगों को अब मुख्यालय तक नहीं जाना पड़ रहा है. नर्स ने बताया कि पिछले महीने स्वास्थ्य केंद्र में 36 गर्भवती माताओं का प्रसव कराया गया है. जच्चा-बच्चा पूरी तरह ठीक हैं. स्वास्थ्य केंद्र खुलने से ग्रामीणों में भी खुशी है.
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महिलाओं के लिए बनाया गया कॉल सेंटर
मुख्य चिकित्सा अधिकारी वीरेंद्र मिश्रा ने बताया कि जिला कलेक्टर के निर्देश के मुताबिक संस्थागत मातृत्व प्रसव कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. जिसमें कॉल सेंटर के जरिए गर्भवती माताओं को तय तारीख से हफ्ते भर पहले कॉल करके बताया जाता है, कि वह अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर सुरक्षित प्रसव कराएं. जिससे जच्चा-बच्चा दोनों ही सुरक्षित रहें.
अब तक 180 माताओं का हुआ प्रसव
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र में प्री बर्थ वेटिंग रूम की व्यवस्था भी की है. जिससे प्रसव के दौरान गर्भवती महिलाओं को जो पीड़ा होती है उस दौरान उत्तरण केंद्र में आकर पहले से ही गर्भवती माताएं अपना इलाज करा सकें. उन्होंने बताया कि पालनार में हम लोगों ने मार्च 2020 में इसे शुरू किया था. जिसमें अब तक 180 गर्भवती माताओं ने शिशुओं को जन्म दिया है. सभी प्रसवों में जच्चा-बच्चा दोनों ही सुरक्षित हैं. ये हमारे लिए एक उपलब्धि है.