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Tips For Rooftop Gardening: बागवानी के शौकीनों के लिए जरूरी खबर, जानिए कैसे छत पर उगाए जा रहे आम, मौसंबी, अमरूद और अनार ?

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Published : Aug 5, 2023, 10:30 PM IST

Updated : Aug 6, 2023, 6:19 AM IST

Tips For Rooftop Gardening आपके पास जमीन नहीं है. सिर्फ पक्का मकान है और आप बागवानी के शौकीन हैं तो ये खबर आपके लिए है. हम अपनी इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में आपको यह बताएंगे कि कैसे आप अपने घर की छत पर बागवानी कर कई तरह के फलों को उपजा सकते हैं. क्योंकि बिलासपुर के एक शख्स ने अपने घर की छत पर 30 से 35 तरह के फलों को उपजाने का काम किया है. इस शख्स को बागवानी का बादशाह कहा जाए तो कोई हैरत की बात नहीं होगी.

Tips For Rooftop Gardening
छत पर बागवानी

छत पर बागवानी के फायदे जानिए

बिलासपुर: चंदेला नगर निवासी केनेथ कॉलिंस ने अपने छत पर फलों का बड़ा बागीचा तैयार किया है. मौसंबी, अमरूद, अनार, आम, अंगूर, बेर, सीताफल, सहित 30 से 35 फलों के पेड़ों से सजे बाग उनकी छत पर हैं. इसे उन्होंने अपने दम पर तैयार किया. इस फलों की बगिया में फलों को उपजाकर वह इसका आनंद लेते हैं. उनकी छत की साइज की बात करें तो वह 600 स्कॉव्यर फीट है. जिसमें उन्होंने पूरा बागीचा तैयार कर दिया है.

छत पर बागवानी करने का शौक कैसे जगा?: केनेथ कॉलिंस अपने आस पास कंक्रीट के जंगल और घरों को देखकर परेशान थे. उन्हें प्रकृति से लगाव था. इसलिए उन्होंने छत पर बगिया बनाकर खेती करने का फैसला किया. फिर यह काम उनका शौक में बदलता गया. धीरे धीरे शौक उनको रास आने लगा. जिसमें अब वह पूरी तरह रम गए हैं. जिसमें फलदार पेड़ों को लगा रहे हैं.

छत पर बागवानी के लिए क्या किया ?: छत पर बागवानी के लिए सबसे पहले मैं गमले के आकार के ग्लो बैग को लेकर आया. क्योंकि ये बैग हल्के होते हैं. फिर मैनें ऑर्गेनिक मिट्टी तैयार की. जिसमें कई तरह के कोकोपिट, वर्मी कंपोस्ट और नीम खली को मिलाकर हम मिट्टी तैयार करते हैं. जिसमें चालीस परसेंट मिट्टी और बाकी ऑर्गेनिक चीजें हैं. इस तरह हमने बागवानी की प्लानिंग की और इन चीजों को जुटाया.

कैसे छत पर फलों को उगाया, अभी कितने तरह के फल उगाते हैं ?: केनेथ कॉलिंस बताते हैं कि इस बगिया को फलदार बगिया बनाने में उन्हें तीन साल का समय लगा. साल 2020 में कोरोना काल से उन्होंने इसकी शुरुआत की. इसके लिए सबसे पहले उन्होंने छत पर सब्जियां उगाने का फैसला किया. लेकिन सब्जियों में कीड़े की समस्या पैदा होने लगी. उसके बाद उन्होंने फलदार पेड़ लगाने का फैसला किया. सबसे पहले उन्होंने रेड बेर्री, आम, अमरुद, निंबू, माल्टा, अंगूर और अनार के पौधे लगाए. उसके बाद उनका बगिया और फलदार पौधों से बढ़ता गया. अब तो उनकी बगिया में विदेशी आम के भी पेड़ हैं. जिसमें बनाना मैंगो,अम्रपाली आम और केटमैन आम की किस्में मौजूद हैं.

क्या छत पर बागवानी के लिए सरकारी मदद मिली ?: जब ईटीवी भारत ने टेरेस गार्डनिंग करने वाले शख्स केनेथ कॉलिंस से पूछा कि, क्या इस काम के लिए उन्होंने कोई सरकारी मदद ली. तो उनका जवाब था कि उन्होंने किसी की मदद नहीं ली. खुद से इसे तैयार किया. इस बारे में हॉर्टिकल्चर विभाग से भी पूछा गया तो उनकी तरफ से यह जानकारी मिली की छत पर बागवानी के लिए कोई सरकारी मदद से जुड़ी स्कीम नहीं है.

मिट्टी के गमले की जगह प्लास्टिक बैग का उपयोग क्यों ?: फलों की बागवानी करने वाले के केनेथ कॉलिंस ने बताया कि, छत पर बगिया को तैयार करने के लिए गमले की जगह हरे रंग के ग्लो बैग का उपयोग करते हैं. ताकि भारी गमले से छत को होने वाले नुकसान से बचा जा सके. यह बैग हल्का भी है. इसके किनारे छेद बने हुए हैं. जो अतिरिक्त पानी को बाहर निकाल देता है. दूसरी खासियत इस बैग की ये है कि हरा रंग होने से इसकी खूबसूरती बढ़ जाती है.

छत पर बागवानी करने वाले केनेथ कॉलिंस

छत पर बागवानी के लिए खास तरह की मिट्टी करते हैं तैयार: केनेथ कॉलिंस मिट्टी को हल्की करने के लिए उसमें कई अलग-अलग चीजें डालते हैं. जैसे चने की खली, नीम की खली, बबूल की फली, भूसा और मिट्टी. उनके पौधों के गमले में मात्र 40 फीसदी ही मिट्टी है. बाकी 60 फीसदी ऑर्गेनिक खाद है. जो मिट्टी को हल्का रखता है. यही वजह है कि केनेथ कॉलिंस इतने सारे पेड़ पौधे अपने टेरेस पर लगाने में सफल हुए हैं. इसका असर उनके छत पर नहीं पड़ रहा है. केनेथ कॉलिंस चाहते हैं कि लोग भी यही प्रक्रिया अपनाएं और अपने टेरेस पर सब्जी और फलों के पौधे लगाएं. ताकि उन्हें शुद्ध हवा के साथ ही ऑर्गेनिक फल सब्जी प्राप्त हो सके.

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छत पर बागवानी के लिए लोगों को क्या संदेश देना चाहेंगे: इस सवाल के जवाब में केनेथ कॉलिंस ने कहा कि लोगों को बागवानी के इस नए अंदाज को आगे बढ़ाना चाहिए. ताकि इस भाग दौड़ भरी जिंदगी और कांक्रीट के जंगल में लोगों का रिश्ता हरियाली से जुड़ा रहे. इस काम से लोग आने वाली पीढ़ी को भी बागवानी के लिए प्रेरित कर सकेगी.

Last Updated : Aug 6, 2023, 6:19 AM IST

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