Girl Raped By Friend सोशल मीडिया पर रील्स बनाने का चस्का युवाओं को इस कदर लग चुका है कि वीडियो बनाने के लिए वो किसी भी तरह का जोखिम उठा रहे हैं. कई बार वीडियो बनाने के चक्कर में युवाओं को जान तक गंवानी पड़ रही. नेम फेम के चक्कर में लड़कियां जालसाजों के फंदे में फंसकर इज्जत आबरू तक गंवा बैठ रही हैं. इसी तरह का केस बिलासपुर में भी सामने आया है, जहां रायगढ़ से रील्स बनाने आई लड़की का रेप उसी के दोस्त ने किया है.
रायगढ़ की लड़की बनी अपने ही दोस्त की हवस का शिकार
बिलासपुर:सोशल मीडिया पर कोई वीडियो कब वायरल हो जाए और कब उससे जुड़ा व्यक्ति शोहरत की बुलंदी छू ले, कहा नहीं जा सकता. इसी नेम फेम के चक्कर में न सिर्फ युवा अपना वक्त बर्बाद कर रहे हैं, बल्कि जालसाजी और बदनीयती का शिकार भी बन रहे हैं. ऐसा ही मामला बिलासपुर जिले के तोरवा थाना क्षेत्र का है. रील्स बनाने रायगढ़ से बिलासपुर आना युवती को भारी पड़ गया. 10 अगस्त की देर रात होटल के कमरे में युवती के साथ उसी के दोस्त ने डरा धमकाकर रेप किया और फरार हो गया. पीड़िता की शिकायत पर मंगलवार को केस दर्ज कर तोरवा पुलिस आरोपी की तलाश में जुट गई है.
जीरो एफआईआर दर्ज कर रायगढ़ पुलिस ने बिलासपुर ट्रांसफर किया केस:रेप की शिकायत पीड़िता ने रायगढ़ जिले में अगले ही दिन की, जहां जीरो एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने डायरी बिलासपुर पुलिस के पास भेज दिया. केस दर्ज कर तोरवा पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है.
जिस पर था भरोसा, उसी ने लूटी अस्मत:रायगढ जिले की रहने वाली युवती सोशल मीडिया के लिए रील्स बनाती है. इसी काम के लिए वह बीते 10 अगस्त 2023 को अपने साथी युवक के साथ बिलासपुर पहुंची. युवती ने रेलवे स्टेशन पर रील्स बनाई. वापस लौटने के लिए कोई ट्रेन नहीं थी. रात होने पर दोनों स्टेशन के पास एक होटल में रुक गए. आरोप है की देर रात युवक बहाना बनाते हुए युवती की कमरे में घुस आया और डरा धमका कर उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. इसके बाद युवक वहां से फरार हो गया.
अन्य जिले मे रहने वाले एक युवक युवती रील्स बनाने बिलासपुर आए थे. युवती ने उसके बाद रेप की शिकायत दर्ज कराई है. तोरवा पुलिस पूरे मामले में जांच पड़ताल कर रही है. -कमला पुसाम, तोरवा थाना प्रभारी
जानिए क्या होती है जीरो एफआईआर:अपराध होने पर आप किसी भी थाने में जीरो एफआईआर दर्ज करा सकते हैं. संज्ञेय अपराध के मामले में पुलिस को तुरंत जीरो एफआईआऱ दर्ज करनी होती है. केस किसी दूसरे जिले या राज्य में ट्रांसफर करने से पहले मामले की जांच भी शुरू करनी होती है, ताकि शुरुआती सबूत नष्ट न हों या उसके साथ छेड़छाड़ न हो सके.