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आदर्श गौठान देखने पहुंचे कनाडा के विशेषज्ञ, योजना को बताया ग्रामीण विकास के लिए मिल का पत्थर

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Published : Dec 27, 2019, 2:38 PM IST

Updated : Dec 27, 2019, 4:16 PM IST

छत्तीसगढ़ प्रशासन की ओर से तैयार किए गए आदर्श गौठान को देखने कैनाडा से विशेषज्ञों की एक टीम बालोद पहुंची है. यहां टीम ने गौठान का निरीक्षण करने के बाद इसे ग्रामीण विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होना बताया है.

आदर्श गौठान देखने पहुंचे कैनेडियन विशेषज्ञ
आदर्श गौठान देखने पहुंचे कैनेडियन विशेषज्ञ

बालोद:छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी 'नरवा, गरवा, घुरवा, बारी' यह टैगलाइन प्रदेश के लिए पहचान बन गई है. अब इस योजना की लोकप्रियता गांव-गांव से निकलकर विदेश तक पहुंच गई है. इससे प्रभावित कनाडा के विशेषज्ञ टॉड बालोद पहुंचे. जहां वे छत्तीसगढ़ की संस्कृति और ग्रामीण जीवन शैली के साथ शासन की इस योजना की जानकारी ली. टॉड बालोद जिले के देवगहन गांव पहुंचे थे.

आदर्श गौठान देखने पहुंचे कैनेडियन विशेषज्ञ

आदर्श गौठान को देखकर टॉड काफी प्रभावित हुए और महिलाओं के लाइवलीहुड जो वर्मी कंपोस्ट माध्यम से चल रही है. टॉड ने इससे प्रभावित होकर कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार का यह मॉडल विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा.

कैनेडियन विशेषज्ञ टॉड ने की सरपंच की तारीफ
मिस्टर टॉड ने बालोद जिले की विभिन्न गतिविधियों का अध्ययन किया. इसके तहत प्रदेश की विख्यात सांस्कृतिक टीम लोकरंग का भी अध्ययन किया. गांव में सचिन तेंदुलकर की मूर्ति देख वे काफी प्रभावित हुए, उन्होंने कहा कि सरपंच की ओर से जो खेल भावना के विस्तार का विचार अपने मन में रखा गया है. वह काफी अच्छा है. उन्होंने कहा कि सरपंच का यह प्रयास जरूर रंग लाएगा और 1 दिन सचिन तेंदुलकर अपनी मूर्ति को देखने यहां पहुंचेंगे.

महिलाओं से ली जानकारी
देवगहन गांव पहुंचे टॉड ने छत्तीसगढ़ की नरवा, गुरवा, घुरवा, बारी योजना के तहत बने आदर्श गौठान का निरीक्षण करने गांव के गौठान पहुंचे. गौठान में उन्होंने किस तरह गोबर का रिसाइकल किया जाता है, किस तरह वर्मी कंपोस्ट बनाया जाता है. इस बात की महिलाओं से मिलकर जानकारी ली. टॉड ने महिलाओं से पूछा कि कैसे वे यह सब तैयार करती हैं, तो महिलाओं ने अपने काम के बारे में उनकों जानकारी दी.

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टॉड ने बताया कि वह कनाडा से छत्तीसगढ़ की ग्रामीण संस्कृति रहन-सहन का अध्ययन करने पहुंचे हैं. उन्होंने छत्तीसगढ़ की इस महत्वाकांक्षी योजना के बारे में सुना था और यह भी सुना था कि देवगहन में इसका क्रियान्वयन बेहतर ढंग से किया जा रहा है. जिसे देखने वे पहुंचे हैं. उन्होंने बताया कि यहां से अध्ययन के बाद उन्होंने जो चीजें सीखी है वह अद्वितीय है.

Intro:बालोद

छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी "नरवा गरवा घुरवा बारी" यह टैगलाइन प्रदेश के लिए पहचान बन गई है अब इस योजना की लोकप्रियता गांव गांव से निकलकर विदेश तक पहुंच गई है इससे प्रभावित केनेडा के विशेषज्ञ मिस्टर टॉड बालोद पहुंचे जहां उन्होंने बालोद जिले के विभिन्न संस्कृतियों का अध्ययन किया और ग्रामीण जीवन शैली सहित शासन की इस योजना की जानकारी लेने वह ग्राम देवगहन पहुंचे जहां प्रशासन द्वारा आदर्श दौरान तैयार किया गया है आदर्श गौठान को देखकर विदेशी नागरिक काफी प्रभावित हुए और महिलाओं के लाइवलीहुड जो वर्मी कंपोस्ट माध्यम से चल रही है उससे प्रभावित होकर कहा कि यह विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा।


Body:वीओ - विदेशी नागरिक द्वारा बालोद जिले की विभिन्न गतिविधियों का अध्ययन किया गया इसके तहत प्रदेश की विख्यात सांस्कृतिक टीम लोकरंग का भी उन्होंने अध्ययन किया इसके साथ वे ग्राम देवगहन पहुंचे उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में सचिन तेंदुलकर की यह मूर्ति केवल इस ग्राम में बनी हुई है जिससे वे काफी प्रभावित हैं उन्होंने कहा कि सरपंच द्वारा जो खेल भावना के विस्तार का विचार अपने मन में रखा गया है वह काफी प्रभावित है उन्होंने कहा कि सरपंच का यह प्रयास जरूर रंग लाएगा और 1 दिन सचिन तेंदुलकर अपनी मूर्ति को देखने यहां पहुंचेंगे।

वीओ - ग्राम पहुंचे विदेशी नागरिक द्वारा छत्तीसगढ़ की नरवा गुरुवा गुरुवा गाड़ी योजना के तहत बने आदर्श गौठान का निरीक्षण करने वह गांव के गौठान पहुंचे गौठान में उन्होंने किस तरह गोबर का रिसाइकल किया जाता है किस तरह वर्मी कंपोस्ट बनाया जाता है इस बात की उन्होंने महिलाओं से मिलकर जानकारी ली महिलाएं भी उन्हें देखकर काफी प्रभावित हुए उन्होंने पूछा कि कैसे महिलाएं यह सब तैयार करती हैं महिलाओं ने अपनी बात उनके समक्ष रखी थी जहां विदेशी नागरिक ने कहा कि यह योजना काफी प्रभाव सील है और इससे महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही है आत्मनिर्भरता ही सबसे बड़ा विकास होता है।


Conclusion:उन्होंने बताया कि वह कनाडा से छत्तीसगढ़ की ग्रामीण संस्कृति रहन-सहन का अध्ययन करने पहुंचे हैं उन्होंने छत्तीसगढ़ की इस महत्वाकांक्षी योजना के बारे में सुना था और यह भी सुना था कि देवगहन में इसका क्रियान्वयन बेहतर ढंग से किया जा रहा है जिसे देखने में पहुंचे हुए हैं उन्होंने बताया कि यहां से अध्ययन के पश्चात वह उन्होंने जो चीजें सीखी है वह अद्वितीय है।

बाइट - लोकेंद्र कुमार साहू, सरपंच देवगहन

बाइट - मिस्टर टॉड, कैनेडियन विशेषज्ञ

नोट - कृपया वॉइस ओवर वहीं से कर ले बेहतरीन खबर है
Last Updated : Dec 27, 2019, 4:16 PM IST

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