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मोदी सरकार की आर्थिक कुप्रबंधन का परिणाम देश में महंगाई: शैलेश पाण्डेय

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Published : Nov 18, 2021, 2:27 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

बिलासपुर विधायक शैलेश पांडेय सरगुजा के कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में प्रेस वार्ता को संबोधित की. इस मौके पर उन्होंने केंद्र सरकार (central government) को अलग-अलग कई बिंदुओं पर घेरने का प्रयास किया.

Bilaspur MLA surrounded Modi government
बिलासपुर विधायक ने मोदी सरकार को घेरा

सरगुजा: बिलासपुर विधायक शैलेश पांडेय सरगुजा के कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में प्रेस वार्ता को संबोधित की. शैलेश ने महंगाई के मुद्दे पर केंद्र सरकार की विफलताओं को बताया. इस दौरान विधायक शैलेश पांडेय ने बताया की मोदी सरकार की अकर्मण्यता और मुनाफाखोरी (
Inaction and profiteering of Modi government) वाली नीति के कारण देश की जनता महंगाई से परेशान (People worried about inflation), बदहाल है. नरेन्द्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से रोजमर्रा के समानों की कीमत दुगुनी (double the price of goods) हो गई है. महंगाई देश की जनता पर मोदी सरकार प्रायोजित आपदा है.

इससे साबित हो रहा है कि मोदी और उनकी सरकार की प्राथमिकता में गांव, गरीब, किसान, मजदूर, आम आदमी (Village, poor, farmer, laborer, common man) है ही नहीं. मोदी सरकार ने आम आदमी को राहत देने के लिये कभी कोई योजना (any plans) नहीं बनाया. मोदी सरकार ने चंद उद्योगपतियों को फायदा (Few industrialists benefit) पहुंचाने के लिये योजना बनाया, उसका क्रियान्वयन किया. शैलेश पांडेय ने बताया की मोदी जब दोबारा सत्ता में आये तो उन्होंने देखा की किसान इस देश में सरकार बनाते हैं. उन्होंने 3 काले कानून लाकर किसानों को ही खत्म कर दिया.

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आर्थिक कुप्रबंधन से जनता महंगाई के शिकार

देश में बिकने वाली दालें और खाद्य तेल (Pulses and Edible Oils) का 70 प्रतिशत हिस्सेदारी सिर्फ एक ही उद्योग घराने अडानी का है. देश में उत्पादित कोयले का अधिकांश एकाधिकार प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर अडानी का है. महंगाई बढ़ने के जो 5 महत्वपूर्ण कारण हैं, वह सीधे-सीधे मोदी सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन से बने है. बिना सोच-विचार किये नोटबंदी लागू किया गया. जिसका दुष्परिणाम यह हुआ देश की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गयी उद्योग-धंधे व्यापार चौपट हो गये. वह आज तक नहीं सुधरे.

जिसके कारण महंगाई बढ़ी. मोदी सरकार के द्वारा कई स्लैब में लागू की गई जीएसटी, जिसके चलते अनेक वस्तुओं पर अतार्किक करारोपण किया एवं वस्तुओं के दाम बढ़ गये. केंद्र सरकार का आर्थिक कुप्रबंधन महंगाई बढ़ाने का बड़ा कारक सिद्ध हुआ. असंगत करारोपण, बेतहाशा एक्साइज टैक्स के कारण डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़े. निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने वाली नीति के कारण सार्वजनिक क्षेत्र की कपनियां हतोत्साहित हुईं, महंगाई बढ़ी. मोदी सरकार पड़ोसी राज्यों से बेहतर तालमेल बनाने में असफल साबित हुई है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

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