रायपुर :छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू ने अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत जेपी आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाकर की. साहू छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय किसान नेता भी है. बीजेपी शासनकाल में साहू प्रदेश के कृषि मंत्री भी रहे. ईटीवी भारत ने कृषि सहित विभिन्न विषयों को लेकर चंद्रशेखर साहू से खास बातचीत (Face to face with former minister Chandrashekhar Sahu) की. आइये जानते हैं साहू ने किसानों से जुड़ी समस्याओं को लेकर क्या कहा.
जवाब : मानसून का अनुमान इस बार बिल्कुल सटीक नहीं रहा. कहा जा रहा था, 13 से 15 जून तक छत्तीसगढ़ में मानसून सक्रिय हो जाएगा. समय पर बारिश हो जाएगी. लेकिन अभी की स्थिति में प्रदेश के सभी संभागों में बारिश की भारी कमी है. किसानों के माथे पर इसी वजह से चिंता की लकीरें हैं. अभी भी उम्मीद है कि आगे प्रदेश में अच्छी बारिश होगी.
सवाल : खाद की कमी को लेकर प्रदेश में राजनीति चल रही है, आखिर इस समस्या के लिए आप जिम्मेदार किसे मानते हैं ?
जवाब : खरीफ सत्र के शुरुआत में ही खादों की आपूर्ति होनी चाहिए. इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा इंडेंट मांगा जाता है, और राज्य सरकार इसे उपलब्ध करवाती है. राज्य सरकार अगर समय पर इंडेंट मुहैया करवा देती, तब प्रदेश में खाद की कमी की समस्या नहीं होती. राज्य सरकार को समय पर मांग की जानकारी उपलब्ध करवाना चाहिए था. पिछले 2 सालों से खाद की कमी पूरे देश में बरकरार है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संकट भी चल रहा है. उर्वरक पर अपनी निर्भरता कैसे कम करें ? इस पर राज्य सरकार को विचार करना चाहिए. किसानों तक खाद की आपूर्ति कैसे की जाए ? इस पर भी राज्य सरकार को सजग रहना चाहिए. किसानों को इस बात से लेना देना नहीं है, कि खाद की कमी के लिए जिम्मेदार कौन है ? हालांकि राज्य सरकार को खाद उपलब्ध करवाने में जिम्मेदारी लेनी चाहिए. इस मुद्दे को लेकर अब प्रदेश में किसान सड़क पर आ रहे हैं. यह चिंताजनक स्थिति है.
सवाल : आप क्या मानते हैं कि किसानों की समस्या के लिए कौन जिम्मेदार है ?