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SPECIAL: लॉकडाउन में भी नहीं लॉक हुआ जेल का कारोबार, कैदी भी हुए आत्मनिर्भर

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Published : Jun 12, 2020, 2:40 PM IST

Updated : Jun 12, 2020, 3:14 PM IST

रायपुर के सेंट्रल जेल में लॉकडाउन के दौरान भी कैदियों के बनाए उत्पादों की बिक्री बंद नहीं हुई. जहां एक ओर सभी उद्योग और व्यापार ठप पड़ गए थे, वहीं जेल के कारोबार पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा. जेल एम्पोरियम बंद था, लेकिन शासकीय विभाग में उत्पादों की सप्लाई जारी थी. इस वजह से जेल विभाग की आमदनी नहीं रुकी.

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लॉकडाउन में जेल का कारोबार

रायपुर: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की थी, जिसके बाद से ही सभी सरकारी और प्राइवेट संस्थानों को बंद कर दिया गया था. इसका असर सबसे ज्यादा अगर किसी सेक्टर पर पड़ा है, तो वह है उद्योग और व्यापार सेक्टर. लॉकडाउन की वजह से उत्पादन और बिक्री बंद हो चुकी थी. कई व्यवसाय ठप पड़ गए, उद्योग आर्थिक मंदी से गुजर रहे हैं. ऐसे में छत्तीसगढ़ का जेल विभाग पहले की तरह ही फल-फूल रहा है. रायपुर जेल एम्पोरियम में लोगों का आना तो बंद हो गया, लेकिन सामानों की बिक्री बंद नहीं हुई. मास्क, फिनाइल जैसी वस्तुएं शासकीय विभागों में मंगवाए जाने लगे, जिससे जेल विभाग की आमदनी नहीं रुकी.

लॉक नहीं हुआ जेल का कारोबार

'न मॉनिटरिंग है, न सही तरीके से काम, हथिनियों की मौत का पता नहीं लगाया तो और मुश्किल होगी'

छत्तीसगढ़ में कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई तरह के प्रशिक्षण दिए जाते हैं. इसमें कढ़ाई, बुनाई, कपड़े, बर्तन और फर्नीचर बनाने सहित कई काम शामिल हैं. प्रशिक्षण के बाद कैदियों को उनकी मजदूरी भी दी जाती है. बंदियों द्वारा बनाई इन वस्तुओं को प्रदेश के अन्य जेलों और शासकीय विभागों में बेचा जाता है. इसके अलावा जेल एम्पोरियम में इन वस्तुओं को बिक्री के लिए रखा जाता है, जहां से ग्राहक इनकी खरीदी कर सकते हैं. यहां दरी, चादर, फर्नीचर, मास्क, बस्तर आर्ट की बिक्री सबसे ज्यादा होती है.

बस्तर आर्ट
बस्तर आर्ट की मूर्तियां

लॉकडाउन में शासकीय बिक्री रही जारी

कैदियों के बनाए गए वस्तुओं की बिक्री पर लॉकडाउन का कुछ खास प्रभाव देखने को नहीं मिला. जेल एंपोरियम प्रभारी मोनिका ने बताया कि सिर्फ जेल एंपोरियम में हो रही बिक्री बंद थी, लेकिन शासकीय विभागों में बिक्री जारी थी. एंपोरियम प्रभारी ने बताया कि आम दिनों में एंपोरियम से 60 से 80 हजार की बिक्री हर महीने हो जाती थी. लॉकडाउन के दौरान शासकीय विभागों में मास्क की बिक्री जारी रही.

जेल एम्पोरियम
बस्तर आर्ट

7 करोड़ रुपए तक का होता है व्यवसाय

जेल डीआईजी केके गुप्ता ने बताया कि कैदियों के बनाए गए बस्तर आर्ट की सबसे ज्यादा बिक्री होती है. इसके अलावा पलंग, सोफा, मूर्तियां और चादर लोग खरीदते है. इस समय मास्क की बिक्री सबसे ज्यादा हो रही है. केके गुप्ता ने बताया कि जेल विभाग हर साल करीब 6 से 7 करोड़ का व्यवसाय होता है. इसका मुनाफा सरकार को जाता है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान न तो उन्हें कच्चा माल मिलने में परेशानी हुई और न ही वस्तुओं की बिक्री में गिरावट आई.

Last Updated :Jun 12, 2020, 3:14 PM IST

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