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Fire In VTR: रघिया वन क्षेत्र में लगी भीषण आग, बुझाने में जुटे वनकर्मी

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Published : Mar 24, 2023, 5:43 PM IST

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के वन क्षेत्र में भीषण आग लगी हुई है. घटना की सूचना मिलने के बाद वनकर्मी आग को बुझाने में जुटे हुए हैं. आग कई एकड़ में फैली हुई है. आग से जंगली जीवों में भगदड़ की स्थिति बनी हुई है.

वीटीआर के जंगल में लगी आग
वीटीआर के जंगल में लगी आग

वीटीआर के जंगल में लगी आग

पश्चिम चंपारण:बिहार के बगहा स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) के जंगल में भीषण आग (Forest Fire In Valmiki Tiger Reserve) लगने से अफरा-तफरी मची हुई है. जंगल में लगी आग की लपटें इतनी भयावह है कि एक किलोमीटर दूर तक धू-धूकर जंगल जल रहा है. लेकिन वन कर्मी आग को बुझाने में विफल हैं. असामाजिक तत्वों द्वारा जंगल में आग लगाने की संभावना जताई जा रही है. फिलहाल वन विभाग की टीम आग बुझाने में जुटी हुई है.

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वीटीआर के जंगल में लगी आग: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के रघिया वन क्षेत्र का सदाबहार जंगल धू-धू कर जल रहा है. जबकि वनकर्मी झाड़ियों से आग बुझाने की कड़ी मशक्कत कर रहे हैं. तीन घंटे पहले लगी आग से कई हेक्टेयर जंगल जलकर खाक हो गया है. दरअसल गर्मी आते ही जंगल में आग लगने का सिलसिला तेजी से बढ़ा है और अब तक दर्जनों मर्तबा जंगल में आग लग चुकी है. आग लगने की सूचना वनकर्मियों को घंटो बाद लगी. जिसके बाद दो वनकर्मी मौके पर पहुंचे, जिसमें एक टाइगर टेकर और एक अन्य वाल्मीकि टाईगर रिजर्व का कर्मी शामिल है.

जंगल के जीव-जंतु में मची भगदड़: वीटीआर में तेजी से फैल रहे आग को वनकर्मीयों ने हरी झाड़ीयों और डंडों के सहारे आग बुझाने का काम शुरू किया है, लेकीन आग की लपटें इतनी भयावह है कि इन दो वन कर्मीयों से आग पर काबू नहीं पाया जा सका है. वीटीआर के जंगल में वनकर्मी आग पर काबू पाने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहे हैं. पश्चिमी चम्पारण जिला अंतर्गत दोन इलाके में स्थित वीटीआर जंगल के रघिया रेंज अंतर्गत आज अगलगी की इस घटना से जीव जंतुओं में भगदड़ मची है.

आग बुझाने में जुटे वनकर्मी: बता दें कि बिहार के इकलौते वाल्मीकि टाईगर रिजर्व जंगल में चारवाहों या असामाजिक तत्वों द्वारा इस मौसम में अक्सर आग लगाने की घटना को अंजाम दिया जाता है. थारू कल्याण संघ के सचिव प्रताप चंद्र काजी ने बताया की जब वे अध्यक्ष हुआ करते थे तो सभी गुमास्ताओं को बुलाकर जंगल में आग न लगाने को लेकर सख्ती बरतने की निर्देश देते थे. लेकिन अब लोगों में जागरूकता का अभाव देखा जा रहा है. जिसके परिणाम स्वरूप इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं.

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