बिहार

bihar

वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व में बना इको पार्क वन विभाग के हवाले, 8 करोड़ की लागत से हुआ था निर्माण

By

Published : Apr 17, 2021, 9:27 AM IST

पश्चिमी चंपारण के बगहा में इंडो-नेपाल सीमा अंतर्गत वाल्मीकिनगर में बना इको पार्क और उससे सटे कई एकड़ जमीन को जल संसाधन विभाग ने वन विभाग को हस्तांतरित कर दिया है. इसके बाद क्या बदलेगा, जानिए इस रिपोर्ट में...

वाल्मीकिनगर टाइगर रिज़र्व
वाल्मीकिनगर टाइगर रिज़र्व

पश्चिमी चंपारणःइंडो-नेपाल सीमा अंतर्गत वाल्मीकिनगर में बना इको पार्क और उससे सटे कई एकड़ जमीन जल संसाधन विभाग ने वन विभाग को हस्तांतरित कर दिया है. अब इको पार्क का रख-रखाव और उसको विकसित करने की जिम्मेवारी वन विभाग की होगी. बता दें कि वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व पर्यटन स्थल में तकरीबन 8 करोड़ की लागत से इको पार्क का निर्माण हुआ है.

इसे भी पढ़ेंःवाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व में गैंडे की मौत, जांच में जुटा वन विभाग

वन विभाग को सुपुर्द किया गया इको पार्क
वाल्मीकिनगर में इंडो नेपाल सीमा पर गंडक नदीके किनारे बने इको पार्क अब वन विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया है. अब इसके विकास और रखरखाव की प्रक्रिया वन विभाग के जिम्मे हो गया है. वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र के रेंजर महेश प्रसाद ने इस आशय की जानकारी देते हुए बताया कि जलसंसाधन विभाग ने इको पार्क वन विभाग को हस्तांतरित कर दिया है.

पार्क के बाहर सैलानी

8 करोड़ की लागत से हुआ था निर्माण
दरअसल, पर्यटकों के मनोरंजन के लिए जलसंसाधन विभाग ने 8 करोड़ की लागत से इंडो-नेपाल सीमा पर स्थित वाल्मीकिनगर टाइगर रिज़र्व पर्यटन स्थल पर तकरीबन डेढ़ एकड़ में पार्क का निर्माण करवाया गया है. जिसमें बच्चों के लिए स्लाइडर और झूला भी स्थापित किया गया है. रेंजर महेश प्रसाद ने बताया कि इको पार्क भ्रमण के शुल्क में बढ़ोतरी की जाएगी और पुनः इसे पर्यटकों के लिए सुचारू रूप से खोल दिया जाएगा. बता दें कि अब तक जल संसाधन विभाग प्रवेश शुल्क के तौर पर 10 रुपया वसूल रहा था.

इसे भी पढ़ेंःबेतियाः वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व में गश्ती तेज, हाथी पर सवार होकर कर रहे निगरानी

2.88 एकड़ जमीन भी हस्तांतरित
इको पार्क से सटे लगभग 2.88 एकड़ जमीन पर लगे बगीचे को भी जलसंसाधन विभाग ने वन विभाग को सौंप दिया है. अब इस बगीचा की देखरेख और इसके सौंदर्यीकरण का कार्य भी वन विभाग के जिम्मे हो गया है. बता दें कि पार्क के निर्माण के बाद से एनएनएटी कम्पनी इसकी देखरेख कर रही थी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details