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शेखपुरा: मृत मजदूरों के नाम पर पैसे निकालने वाला CSP संचालक और रोजगार सेवक गिरफ्तार

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Published : Mar 25, 2022, 10:44 PM IST

शेखपुरा में मृत मजदूरों के नाम पर फर्जी तरीके से सरकारी योजनाओं से पैसे निकालने की शिकायत (fraud in government scheme) की गई थी. जिसके बाद पूरे मामले की जांच के लिए एक टीम बनाई गई. टीम ने सीएसपी संचालक और रोजगार सेवक को दोषी पाया. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है. पढ़ें पूरी खबर..

शेखपुरा में धोखाधड़ी
शेखपुरा में धोखाधड़ी

शेखपुरा:बिहार में सरकारी योजनाओं का हाल किसी से छिपा नहीं है. ताजा मामला शेखपुरा जिले का है. जहां सीएसपी संचालक और रोजगार सेवक ने मिलीभगत कर मनरेगा योजना के तहत गरीबों को मिलने वाले पैसे डकार लिए. वह भी ऐसे लोग जिनकी मौत सालों पहले हो चुकी थी. अब जबकि मामले का खुलासा हो गया है तो इसमें कई लोग फंसते नजर आ रहे हैं. पुलिस ने इसमें रोजगार सेवक और सीएसपी संचालक को गिरफ्तार किया (police arrested Rojgar Sevak and CSP operator for forgery) है.

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25 लोग के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज: जिले के एसपी कार्तिकेय के शर्मा ने बताया कि केवटी पंचायत अन्तर्गत कई वर्षों से मृत मजदूर फुलिया देवी और कोसमा देवी के नाम से मनरेगा योजना से सरकारी राशि की निकासी हो रही थी. इस मामले में बरबीघा प्रखंड के कार्यक्रम पदाधिकारी ने 25 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. जिनमें पूर्व मुखिया पंकज कुमार, तत्कालीन पंचायत रोजगार सेवक मृत्युंजय कुमार, वार्ड सदस्य, मनरेगा मेट, सीएसपी संचालक सहित 25 लोगों के नाम है. फिलहाल बरबीघा शहर में संचालित ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक सोनू कुमार और रोजगार सेवक मृत्युंजय कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

शिकायत मिलने पर जांच टीम का गठन:बता दें कि बरबीघा प्रखंड के डीह निजामत गांव निवासी रिंटू कुमार ने इस धोखाधड़ी के खिलाफ परिवाद दायर किया गया था. जिसमें केवटी पंचायत में मनरेगा योजना के तहत मृत व्यक्ति के नाम पर काम देने और पुराने बने पुल पर नया योजना खोलकर बिना काम किये अवैध निकासी किये जाने की शिकायत की गई थी.जिसके बाद एक जांच टीम का गठन किया गया. जिसमें डीडीसी, एसडीओ, एसडीपीओ, जिला अग्रणी प्रबंधक, एसबीआई शेखपुरा व बरबीघा के शाखा प्रबंधक शेखपुरा शामिल थे. जांच में कुछ योजनाओं में मजदूरी भुगतान संबंधी अनियमितता पाई गई.

अपने उंगली के छापे से सीएसपी ने निकाला पैसा:जांच में पाया गया कि सीएसपी संचालक सोनू कुमार ने अपने उंगली के छापे पर मृत लोगों का खाता खोला और फिर पैसे की निकासी की. इस दौरान कोसमा देवी के खाते पर 54,598 रुपया, जबकि फुलिया देवी के खाते पर 34,951 रुपया निकाला गया. जांच के क्रम में मृत फुलिया देवी, जिसकी मृत्यु 30 अप्रैल 2019 को एवं कोसमा देवी की मृत्यु 30 जुलाई 2018 को हो जाने का पता चला. इसके अलावा 20 अन्य खातों से भी जालसाजी करके पैसे निकाले गए. गिरफ्तार सोनू कुमार ने पूछताछ में आरोप स्वीकार कर लिया है. इस पूरे कांड में कई और सीएसपी संचालक भी शामिल हैं.

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