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समस्तीपुरः सौम्या से समीर बना ये शख्स 18 साल बाद दुल्हन के साथ आया गांव

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Published : Oct 18, 2019, 10:19 AM IST

जाने माने वरिष्ठ पत्रकार व लेखक डॉ लक्ष्मीकांत सजल की बड़ी बेटी सौम्या इंजीनियर है. जेंडर चेंज की लंबी प्रक्रिया के बाद वो समीर से सौम्या बन गई हैं.

समीर भारद्वाज

समस्तीपुरःमुफस्सिल थाना क्षेत्र के मुजौना गांव में आजकल एक अलग ही चर्चा है. इस गांव की एक लड़की विज्ञान के बलबुते लड़का बन गई है. बेंगलुरु में एरोनॉटिकल इंजीनियर के पद पर कार्यरत समस्तीपुर की सौम्या 18 वर्षो बाद अपने पैतृक गांव लड़का बनकर लौटी है. सौम्या अकेले नहीं बल्कि अपनी दुल्हन के साथ आई है. गांव में हर कोई लड़की से लड़का बने समीर को एक झलक देखने के लिए उत्सुक है.

घर के बाहर बैठे समीर भारद्वाज

सर्जरी के बाद बनी लड़का
दरअसल, जाने माने वरिष्ठ पत्रकार व लेखक डॉ लक्ष्मीकांत सजल की दो बेटियों में बड़ी बेटी सौम्या थी. जो बैंगलुरू में एक बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी में एरोनॉटिकल इंजीनियर के पद पर कार्यरत है. लेकिन सौम्या का मन और तन एक दूसरे से विपरीत था. बचपन से ही उसे लड़कों के कपड़े व अन्य चीजें पसंद थी. उम्र के साथ ही यह अंतर बढ़ता चला गया. आखिरकार सौम्या इसी साल सेक्स चेंज सर्जरी के जरीये लड़की से लड़का बन गई.

समीर भारद्वाज की मां

'विज्ञान के बलबूते हुए उसका ये पूर्वजन्म'
सौम्या से समीर बनने के इस सफर को उसने साझा करते हुए बताया कि विज्ञान के बलबूते हुए उसके इस पूर्वजन्म में परिवार व ऑफिस के सभी लोगों का साथ मिला. बैंगलुरू के प्रसिद्ध प्लास्टिक सर्जन के नेतृत्व में जेंडर चेंज करने की लंबी प्रक्रिया के बाद 22 जून 2019 को सौम्या का सेक्स चेंज किया गया. एक बेहतर सर्जरी के जरिये आज वह अपने आप को बदल सका. यही नहीं सौम्या से समीर बनने के बाद उसने इसी महीने बैंगलुरू में पूरे हिन्दू रीति रिवाज के साथ ब्याह भी रचाया है.

बयान देते समीर भारद्वाज

समीर के स्वागत में जुटे घर के लोग
समीर भारद्वाज ने बताया कि उसकी पत्नी भी एक बड़े मल्टीनेशनल कंपनी में एरोनॉटिकल इंजीनियर है. समीर ने बताया कि आज वह अपनी पत्नी के साथ काफी खुश है. शादी करके एक अर्से बाद गांव लौटे समीर व उसकी पत्नी के स्वागत में घर के लोग जुटे हुए हैं. समीर की मां ने कहा कि जन्म तो उसने बेटी को दिया था. लेकिन अब वह उनका बेटा है. साथ ही उनके परिवार को एक अच्छी बहू भी मिल गई.

Intro:एरोनॉटिक्स इंजीनियर जिले की सौम्या अब पूरी तरह से बन गया है समीर । यही नही लगभग 18 वर्षो बाद जब वह अपने पैतृक गांव लौटा है तो , उसके साथ उसकी दुल्हनियां भी आयी है । दरअसल इसी वर्ष उसने अपना सेक्स चेंज के जरिये , सौम्या से समीर तक का पूर्वजन्म पाया है ।


Body:मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मुजौना गांव में आजकल एक अलग ही चर्चा है , हर कोई लड़की से लड़का बने समीर को एक झलक देखने को उत्सुक है । यही नही कटुहुल इस बात की भी है की , वर्षो बाद अपने गांव सौम्या जब समीर बनकर लौटा है तो , उसके साथ उसकी दुल्हनियां भी आयी है । दरअसल जाने माने वरिष्ठ पत्रकार व लेखक डॉ लक्ष्मीकांत सजल के दो बेटियों में बड़ी सौम्या , बैंगलुरू में एक बड़े मल्टीनेशनल कंपनी में एरोनॉटिक्स इंजीनियर थी । लेकिन सौम्या का मन व तन एक दूसरे से विपरीत था , बचपन से ही उसे लड़कों के कपड़े व अन्य चीजें पसंद थी । उम्र के साथ ही यह अंतर बढ़ता चला गया । आखिरकार सौम्या ने इसी वर्ष सेक्स चेंज के सर्जरी के जरिये लड़की से लड़का बन गया है । सौम्या से समीर बनने के इस सफर को उसने साझा करते हुए कहा की , विज्ञान के बलबूते हुए उसके इस पूर्वजन्म में उसे अपने परिवार व ऑफिस के सभी लोगों का साथ मिला । एक बड़ी प्रक्रिया व बेहतर सर्जरी के जरिये आज वह अपने आप को बदल सका । यही नही सौम्या से समीर बनने के बाद , उसने इसी माह बैंगलुरू में अपने परिवार के महजुदगी में पूरे हिन्दू रीति रिवाज के साथ ब्याह भी रचाया है। उसी के तरह उसकी पत्नी भी एक बड़े मल्टीनेशनल कंपनी में एरोनॉटिक्स इंजीनियर है । समिट ने बताया की , आज वह अपनी पत्नी के साथ काफी खुश है , वंही सौम्या से समीर बनने के सफर में उसकी भावी पत्नी ने काफी साथ दिया था ।

बाईट - समीर भारद्वाज ।

वीओ - शादी के बाद एक अर्से के बाद गांव लौटे समीर व उसकी पत्नी के सभी स्वागत में जुटे है । वंही समीर की माँ ने कहा की , जन्म तो उसने बेटी को दिया था , लेकिन अब वह उनका बेटा है , वंही उनके परिवार को एक अच्छी बहु भी मिल गयी ।

बाईट - ममता सजल , समीर की माँ ।


Conclusion:गौरतलब है की , बैंगलुरू के प्रसिद्ध प्लास्टिक सर्जन के नेतृत्व में , जेंडर चेंज करने से जुड़ी सभी लंबे प्रक्रिया के बाद , 22 जून 2019 को सौम्या का सेक्स चेंज किया गया ।

अमित कुमार की रिपोर्ट ।

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