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समस्तीपुर: 160 उम्मीदवारों में से 95 प्रत्याशियों पर चला 'नोटा का सोटा', देखें आंकड़ा

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Published : Nov 12, 2020, 5:29 PM IST

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में लोगों ने जमकर नोटा बटन का इस्तेमाल किया. बात अगर समस्तीपुर के सभी 10 विधानसभा सीट की करें तो, यहां 19 उम्मीदवारों को नोटा से भी कम मत मिले.

समस्तीपुर
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समस्तीपुर:बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. एनडीए को स्पष्ट जनादेश मिला है. जिसके बाद सरकार गठन की कवायद तेज हो गई है. इसको लेकर बैठकों का सिलसिला जारी है. इन सब के बीच राजद और कई अन्य दल हार के कारणों को लेकर चर्चा कर रहे हैं. ऐसे में नोटा का चर्चा करना आवश्यक हो जाता है. बात अगर जिले के 10 विधानसभा सीट की करें तो यहां 160 उम्मीदवारों में से 95 प्रत्याशियों पर नोटा का 'सोटा' हावी रहा. दो चरणों को मतदान में 33856 मतदाताओं ने 'नॉन ऑफ द एवभ' (NOTA) का बटन दबाया. जिस वजह से कई प्रत्याशियों को हार का मुंह देखना पड़ा.

महिला मतदाता ( फाइल फोटो)

स्टोरी हाइलाइट्स:-

  • समस्तीपुर विधानसभा के सभी 10 सीटों पर दिखा नोटा का असर
  • 160 उम्मीदवारों में से 95 प्रत्याशियों पर भारी रहा नोटा
  • दो चरण के मतदान में 33856 मतदाताओं का पसन्द बना नोटा
  • कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र में दबे सबसे ज्यादा नोटा बटन
  • सबसे कम नोटा का इस्तेमाल मोहद्दीनगर विधानसभा क्षेत्र में
  • 19 उम्मीदवारों को नोटा से भी कम मत
    देखें रिपोर्ट

बिहार विधानसभा चुनाव में जिले में कई नेताओं पर भारी पड़ा नोटा. दस सीटों के जंग में महजूद 160 उम्मीदवारों में 95 प्रत्याशियों पर नोटा हावी रहा. पहले दो चरण के मतदान में 33,856 मतदाताओं ने नोटा को अपना मत दिया. समस्तीपुर में 160 उम्मीदवारों में 95 को नोटा से भी काफी कम मत मिले. सबसे ज्यादा नोटा का बटन कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र में दबे. यंहा 6899 मतदाताओं ने नोटा बटन का इस्तेमाल किया. जबकि नोटा का सबसे कम इस्तेमाल मोहद्दीनगर सीट पर हुआ. यहां महज 546 मतदाताओं ने इसका इस्तेमाल किया. खासबात यह है कि जिले में कुल 19 उम्मीदवारों में 8 को नोटा से भी कम मत मिले. जबकि, 19 उम्मीदवारों में 7 नोटा के बराबर भी नही पंहुच सके.

विधानसभावार नोटा का आंकड़ा

विधानसभा क्षेत्र नोटा का आंकड़ा
कल्याणपुर 6899
विभूतिपुर 5333
हसनपुर 4426
रोसड़ा 5284
सरायरंजन 4200
वारिसनगर 2628
समस्तीपुर 1837
मोरवा 1747
उजियारपुर 956
मोहद्दीनगर 546

नोटा से पीछे रहे उम्मीदवारों के आंकड़ो को देखे तो समस्तीपुर में 26 उमीदवारों में 20, वारिसनगर में 20 उम्मीदवारों में 12 , मोरवा में 19 में 10, विभूतिपुर में 14 में 9, उजियारपुर में 20 उम्मीदवारों में 9, सरायरंजन में 11 में से 7, रोसड़ा में 12 में से 9 और हसनपुर में 8 में से 4 उम्मीदवार को नोटा से भी कम मत मिले.

क्या है नोटा?
'नोटा' यानी 'नॉन ऑफ द एवभ' दरअसल, मतदान के दौरान अगर आप किसी भी उम्मीदवार को वोट नही देना चाहते है. तो इसके लिए चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों के नाम के सबसे नीचे यानी अंतिम में नोटा बटन का विकल्प बनया है. नोटा का मुख्य उद्देश्य उन मतदाताओं को एक विकल्प उपलब्ध कराना है. जो चुनाव लड़ रहे किसी भी कैंडिडेट को वोट नहीं डालना चाहते. यह वास्तव में मतदाताओं के हाथ में चुनाव लड़ रहे कैंडिडेट का विरोध करने का एक हथियार है.

चुनाव आयोग ने दिसंबर 2013 के विधानसभा चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में इनमें से कोई नहीं या नोटा बटन का विकल्प उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे. वोटों की गिनती की समय नोटा पर डाले गए वोट को भी गिना जाता है. नोटा में कितने लोगों ने वोट किया, इसका भी आंकलन किया जाता है. भारत के अलावे ग्रीस, यूक्रेन, स्पेन, कोलंबिया और रूस समेत कई देशों में नोटा का विकल्प लागू है.

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