लालू का नाम सुनते ही आनंद मोहन के बदले सुर सहरसा : 'ठाकुर को मारो..' बयान पर बिहार में अभी भी धुआं उठ रहा है. मनोज झा के बयान का पूरा ठाकुर समाज विरोध पर उतरा हुआ है. हालांकि इन सब विरोधों को दरकिनार कर लालू यादव खुद आरजेडी एमपी मनोज झा की ढाल बनकर खड़े हैं. उन्होंने मनोज झा के बयान को नपा तुला और विद्वत्ता पूर्ण करार दिया. हालांकि जब इस मुद्दे पर बिहार के बाहुबली आनंद मोहन से सहरसा में सवाल पूछा गया तो उन्होंने लालू यादव पर आरोप लगाते हुए कहा कि''ये अच्छी बात है कि जो उनकी पार्टी के प्रवक्ता हैं, उनके सांसद हैं, वो उनकी बात कर रहे हैं, गरीब को थोड़े कोई सपोर्ट करता है.''
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लालू का नाम सुनते ही ठंडे पड़े आनंद मोहन ? : हालांकि इस दौरान बयान देते समय आनंद मोहन थोड़ा सेफ मोड में आते दिखाई दिए. लेकिन मनोझ झा के बयान पर उनको अब भी ऐतराज है. जिस तरीके से मनोज झा ने ''चूल्हा मिट्टी का.. मिट्टी तालाब की और तालाब ठाकुर का..'' वाला प्रसंग छेड़ा उसके बाद राजनीतिक उठापटक शुरू हो गई. पूरा ठाकुर समाज मनोज झा से डिमांड कर रहा है कि वो या तो माफी मांगे या फिर क्षत्रीय कोप को झेलने के लिए तैयार रहें. मनोज झा को लगातार धमकियां भी दी जा रहीं हैं.
आरजेडी में आनंद मोहन के परिवार का भविष्य: बाहुबली आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद शिवहर से आरजेडी विधायक हैं. जबकि उनकी पत्नी लवली आनंद ने राजद के टिकट से चुनाव लड़ चुकी हैं. ऐसे में जब लालू यादव का नाम लेकर आनंद मोहन से पूछा गया कि 'लालू यादव तो मनोज झा के समर्थन में खड़े हैं. वो उनके बयान को सही बता रहे हैं' तो आनंद मोहन ने इसका कोई विरोध नहीं किया बल्कि खुद को गरीब कहकर सपोर्ट की बात कर दी. सवाल इस बात का है कि आनंद मोहन लालू से किस तरह के सपोर्ट की डिमांड कर रहे हैं?
गुरुवार को मनोज झा पर गरम थे आनंद मोहन: इसके पहले आनंद मोहन 'ठाकुर' वाले बयान पर मनोज झा के परिवार की पूरी कुंडली लिए बैठे थे. तब उन्होंने कहा था कि उनका बयान केंद्र के इशारे पर कहा गया है. महिला आरक्षण बिल में जिस तरह से मनोज झा 'ठाकुर' को लेकर आए थे उसका कोई औचित्य नहीं था. इसे वो बर्दाश्त नहीं करेंगे. तब उन्होंने मनोज झा को 'एक फिटकरी झा' कहकर संबोधित भी किया था.
"मनोज झा के पूरे परिवार को जानता हूं. उनके पिता खुद को सोशलिस्ट कहते थे. कांग्रेस की सरकार बनते ही उनके साथ चले गए. राजद के कमजोर होते ही बीजेपी चले जाएंगे. मैं अपने बयान पर अडिग हूं. महिला आरक्षण बिल में ठाकुर को लाने का कोई मतलब नहीं था."-आनंद मोहन, पूर्व सांसद
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