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तस्वीरें बोल गईं, पोल खोल गईं: जब तक जीप पर सवार हैं.. कोरोना रहेगा दूर, लेकिन उतरते ही पकड़ लेगा?

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Published : Jan 16, 2022, 9:17 PM IST

Violation Of Corona Guidelines In Masaurhi

मसौढ़ी में कोरोना गाइडलाइन मजाक बन गई (Violation Of Corona Guidelines In Masaurhi) है. यात्री यहां सवारी गाड़ियों में ठूंस ठूंसकर भरे जा रहे हैं. उन्हें न तो कोरोना का डर है और न ही गिरकर जख्मी होने का भय. इन तस्वीरों ने प्रशासन के इंतजामों की पोल खोलकर रख दी है. पढ़ें पूरी खबर..

मसौढ़ी: बिहार में कोरोना महामारी (Corona Case Increased in Bihar) के संक्रमण का आंकड़ा दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है. सरकार लगातार कोरोना गाइडलाइन फॉलो करने की बात करती है. लेकिन मसौढ़ी में उसकी किसी को परवाह नहीं है. ना तो यात्री कोरोना को सीरियस ले रहे हैं और न ही कानून का पालन कराने वाली पुलिस. नतीजा ये है कि गाड़ियों में ठूंस ठूंसकर यात्री भरे जा रहे हैं. अंदर जगह नहीं मिल रही है तो छतों पर लदकर यात्रा कर रहे हैं.

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ये तस्वीर है मसौढ़ी पूर्वी बस स्टैंड से खुलने वाले यात्री वाहन की. जहां जीप के अंदर और छत पर ठूंस-ठूंसकर यात्री बैठे हुए हैं. इन यात्रियों को न तो गिरकर जख्मी होने का डर है और न ही कोरोना महामारी का. जीप ड्राइवर भी पुलिस को हफ्ता देकर निश्चिंत है कि उसका कोई क्या बिगाड़ लेगा? इस तरह की यात्रा से न सिर्फ कोरोना गाइडलाइन्स का उल्लंघन (Violation Of Corona Guidelines In Masaurhi) है बल्कि यातायात अधिनियम का भी खुलेआम अनदेखी हो रही है. प्रशासन ने मॉल को भीड़ भाड़ के डर से बंद कर रखा है. लेकिन सड़कों पर दौड़ते 'कोरोना वाहन' पर सरकार या प्रशासन की नजर नहीं है?

ये हाल सिर्फ जीप का नहीं है, शहर के अंदर बस हो या ऑटो, यात्री भेड़ बकरियों की तरह बैठाए जा रहे हैं. ऊपर से किसी भी यात्री के मुंह पर मास्क नहीं है. कोरोना गाइडलाइन का पालन करना हमारी खुद की जिम्मेदारी है. घर पहुंचने की जल्दबाजी में लोग कोरोना भी साथ लेकर घर पहुंच रहे हैं. अपने परिवार को संकट में डाल रहे हैं. इन्हें कोई समझाए कि जिंदगी से ऐसे खिलवाड़ न करें. कोरोना की दूसरी लहर में हमने देखा था कि किस तरह श्मसान घाटों पर लाश जलाने वालों की लाइन लगी हुई थी. लाशें गंगा में बह रहीं थी. आपकी एक गलती आपके परिवार को मुसीबत में डाल सकती है.

वाहनों की छत पर बैठाकर यात्रा कराना ट्रांसपोर्ट अधिनियम के तहत कानूनन गलत है. लेकिन जीप की छत पर यात्री दोहरा रिस्क लेकर यात्रा कर रहे हैं. इतना तो यात्री को भी ख्याल रखना चाहिए कि हमें घर जाना है श्मसान घाट नहीं. कोरोना महामारी पर सरकार की सख्त पाबंदी के बावजूद ऐसे नजारे दिखना पुलिस की लचर व्यवस्था को भी उजागर करती है. यात्रा करने वाले लोग अपनी जान के साथ अपने परिवार को भी मुश्किल में डाल रहे हैं. बड़ा सवाल यही कि कब प्रशासन और लोग कोरोना की दूसरी लहर से सीख लेंगे?

अगर यही हालात रहे तो बिहार में कोरोना संक्रमण को रोक पाना मुश्किल होगा. जरूरत है जिम्मेदारों को इस तस्वीर पर गौर करने की. ये एक फोटो नहीं बल्कि सिस्टम की पोल खोल रही है. कोरोना के खिलाफ हमारी जंग को कमजोर कर रही है. अभी भी बच्चे पूरी तरह से वैक्सीनेट नहीं हुए हैं. संक्रमण फैला तो तीसरी लहर में सबसे ज्यादा बच्चों को ही नुकसान पहुंचाएगा. इसलिए सावधान रहें और जहां रहें कोरोना गाइडलाइन का पालन करें.

राजधानी पटना कोरोना का हॉटस्पॉट बना हुआ है. सूबे में रोज मिलने वाले कोरोना संक्रमितों की संख्या का लगभग आधे मामले अकेले पटना से मिल रहे हैं. चूंकि, राजधानी पटना में बड़ी संख्या में यात्री रेल और हवाई माध्यमों से आते-जाते हैं, ज्यादा मामले मिलने का यह भी एक बड़ा कारण है. बता दें कि शनिवार के मुकाबले रविवार को प्रदेश में काफी कम मामले मिले हैं. शनिवार को जारी आंकड़े के मुताबिक प्रदेश में 6325 कोरोना के मरीज मिले. इसके साथ ही कुल एक्टिव मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 35,916 पर पहुंच गया. वहीं, रविवार को इससे 915 कम मामले मिले हैं.

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