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'कोर्ट के निर्णय का सम्मान हो लेकिन बच्चों का क्या दोष?' प्राइमरी स्कूल के लिए B.ED अभ्यर्थियों के रिजल्ट पर रोक से भड़के नेता प्रतिपक्ष

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 14, 2023, 3:21 PM IST

बिहार में प्राइमरी स्कूल के लिए बीएड अभ्यर्थियों के रिजल्ट पर रोक को लेकर नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने नीतीश सरकार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि कोर्ट के निर्णय का सम्मान होना चाहिए लेकिन सवाल है कि इन बच्चों का इसमें क्या दोष है.

नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा
नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा

नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा

पटना:बिहार में प्राइमरी स्कूल के लिए बीएड अभ्यर्थी का रिजल्ट जारी नहीं होगा, शिक्षा विभाग और बीपीएससी के फैसले का विरोध तेज होता जा रहा है. बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सवाल उठाते हुए कहा कि हम न्यायालय और संवैधानिक संस्थाओं के निर्णय का सम्मान करते है, लेकिन प्रश्न यह है कि कोई भी नीति बनाते समय सरकार का दायित्व बोध और कर्तव्य निर्वहन बोध कहां गायब हो जाता है?

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"B.Ed और Dl.Ed दोनों डिग्री वाले छात्रों को आपस में लड़ा कर उनकी प्रतिभा के साथ खिलवाड़ कर रही है बिहार सरकार, ताकी इनका मामला न्यायलय में उलझ जाए. बिहार सरकार की गलत नीति और नियति के कारण लगभग चार लाख अभ्यर्थियों का रिजल्ट रोकने के लिए जिस तरह महागठबंधन सरकार रणनीति बना रही है. मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री जी बिहार के युवाओं का कब तक अपमान कर के जंगलराज को गुंडाराज में तब्दील करते रहेगें? बिहार के युवाओं का आक्रोश आपकी सत्ता मिटा देगी"-विजय कुमार सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधानसभा

अभ्यर्थियों के नुकसान की भरपाई कौन करेगा?:विजय सिन्हा ने कहा है कि बीएड और डीएलएड दोनों डिग्री वाले छात्रों की प्रतिभा का हनन करने के लिए सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया है. हम मानते हैं कि माननीय न्यायालय के निर्णय का सम्मान हो लेकिन इन बच्चों का दोष क्या है? उन्होंने कहा कि जिन युवाओं ने अपनी परीक्षा के लिए प्लेटफार्म पर कष्ट सह कर, मेहनत कर के परीक्षा दी है, उसकी आर्थिक, मानसिक, शारीरिक नुकसान की भरपाई आखिर कौन करेगा?.

नेता प्रतिपक्ष ने नीतीश और लालू को घेरा: नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि चाहे शराब नीति हो बालू नीति हो या शिक्षा नीति हो, वह केवल वसूली नीति बनकर रह गया है. 33 वर्षों की भाई-भाई सरकार में शिक्षा विभाग लगातार उनके जिम्मे रहा है. तीन दशक में भर्ती के लिए एक बेहतर नियम नहीं बना पाए. अब चुनाव का समय है तब आप वसूली के लिए तमाशा कर रहे हैं. प्रतिभा का सम्मान कीजिए और समाधान निकालिए.

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