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लोकतंत्र के लिए कांग्रेस नहीं बीजेपी खतरा, आज भी जेपी 1974 से ज्यादा प्रासंगिक : उपेन्द्र कुशवाहा

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Published : Oct 11, 2022, 5:13 PM IST

Updated : Oct 11, 2022, 5:50 PM IST

लोकनायक जयप्रकाश नारायण की आज जयंती है. 1974 के जेपी आंदोलन (1974 JP Movement) से निकले बिहार के नेता पिछले तीन दशक से भी अधिक समय से बिहार की सत्ता संभाल रहे हैं. जेपी जयंती पर बिहार से लेकर नागालैंड तक सियासत हो रही है. जेडीयू के वरिष्ठ नेता उपेन्द्र कुशवाहा ने जेपी को आज के दौर में ज्यादा प्रासंगिक बताया है. साथ ही उन्होंने वर्तमान सियासी परिदृश्य की चर्चा करते हुए कहा कि आज लोकतंत्र 1974 से ज्यादा खतरे में है.

जदयू संसदीय दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष
जदयू संसदीय दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष

पटना: लोकनायक जेपी की जयंती की मौके पर जदयू संसदीय दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Senior JDU leader Upendra Kushwaha) ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि- '1974 आंदोलन से ज्यादा आज जेपी की प्रसंगिकता है. 1974 में लोकतंत्र पर खतरा उत्पन्न हुआ था. देशभर के लोगों ने जेपी का नेतृत्व स्वीकारा था. आज हिंदुस्तान में बड़ी ताकत है. उस समय से ज्यादा लोकतंत्र के लिए खतरा बना हुआ है. और लोकतंत्र को बचाने के लिए काम करना है. इसलिए पूरे देश के लोग बिहार की ओर देख रहे हैं. स्वाभाविक रूप से जब भी लोकतंत्र को बचाने की कोशिश हुई है, तो बिहार से इसकी शुरुआत हुई है. इस बार भी बिहार से कोशिश हो रही है. जेपी को याद करने वाले लोगों को इस कोशिश में ताकत मिलती है. इसीलिए जेपी को हम लोग याद कर रहे हैं.

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'आज खतरा कांग्रेस नहीं बीजेपी है': सुशील मोदी ने नीतीश कुमार को कांग्रेस के साथ खड़ा बताकर जेडीयू पर हमला किया था. इस सवाल पर जवाब देते हुए उपेन्द्र कुशवाहा बोले कि आज खतरा कांग्रेस से नहीं है. 1974 में लोकतंत्र पर खतरा कांग्रेस से था. आज खतरा उससे कहीं ज्यादा अब बीजेपी से है. इसीलिए उस समय जो परिस्थिति थी उसके अनुसार आंदोलन हुआ. लेकिन आज कांग्रेस से खतरा नहीं है. खतरा आज भारतीय जनता पार्टी से है. जिससे खतरा होगा लड़ना तो उसी से पड़ेगा. स्वाभाविक है कि देश भर के लोग आज भाजपा के खिलाफ गोलबंद हो रहे हैं.



अमित शाह के दौरे का कोई फायदा नहीं मिलेगा: 2024 लोकसभा का चुनाव अभी काफी समय है, लेकिन माहौल चुनाव जैसा बिहार में दिखने लगा है. नागालैंड में भी अगले साल चुनाव होना है, वहां भी आप लोग जा रहे हैं, इस सवाल के जवाब में उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नागालैंड में पहले भी हम लोग का अच्छा प्रदर्शन हुआ था. पार्टी वहां चुनाव लड़ेगी. जहां तक लोकसभा चुनाव की बात है तो बिहार में जब से नया गठबंधन बना है. इससे बीजेपी में बेचैनी है. बीजेपी के लोग समझने लगे हैं कि उनकी राजनीतिक जमीन खिसकने लगी है. इसलिए साख बचाने की कोशिश में लगे हैं. 1 महीने के अंदर अमित शाह का दो कार्यक्रम बिहार में आयोजित किया गया तो क्या बिहार की स्थितियां बदल रही है. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बीजेपी के लोगों को आभास हो गया है. व्याकुलता में हैं और इसीलिए लगातार अमित शाह का कार्यक्रम करवा रहे हैं. लेकिन इससे कोई लाभ मिलने वाला नहीं है.

''अमित शाह बिहार में लगातार कार्यक्रम कर रहे हैं आज भी कार्यक्रम था. वो लाख कोशिश कर लें लेकिन कोई फायदा होने वाला नहीं है. बिहार की जनता नीतीश जी के नेतृत्व में गोलबंद है और परिणाम भी उसी के अनुरूप आएगा''- उपेन्द्र कुशवाहा, जेडीयू संसदीय दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष



Last Updated :Oct 11, 2022, 5:50 PM IST

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