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CM नीतीश की सात निश्चय योजना की मिल रही शिकायतें, जनता दरबार में सड़क, गली, नाली के आए कई मामले

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Published : Dec 20, 2021, 2:53 PM IST

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सात निश्चय योजना (CM Nitish Saat Nischay Yojana) से जुड़ी शिकायतें लगातार मिल रही हैं. सोमवार को जनता दरबार में भी सड़क, गली, नाली संबंधी कई शिकायतें सामने आईं. इसे दूर करने के लिए सीएम ने अधिकारियों को निर्देशित किया. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

Janta Darbar
Janta Darbar

पटनाःमुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को जनता दरबार (CM Nitish Kumar Janata Darbar) में लोगों की समस्याएं सुनी. दर्जनों मामलों को उन्हें देखा और उसे निपटाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए. इन सब के बीच अगर आप गौर करेंगे तो पता चलेगा कि आज सबसे ज्यादा गांव और पंचायतों में सड़क की समस्याएं (Saat Nischay Yojana Related Problems) आईं. इन्हें निपटाने के लिए सीएम बार-बार ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारियों को फोन लगाते दिखे.

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बताते चलें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी सात निश्चय योजना के तहत हर गांव में पक्की सड़क और गली-नाली बनाने की योजना है. इससे संबंधित शिकायतें लगातार मिल रही हैं. मुख्यमंत्री भी नहीं चाहते हैं कि इन योजनाओं में किसी भी प्रकार की धांधली और गड़बड़ी हो. लिहाजा बड़ी संख्या में सड़क निर्माण और गड़बड़ी संबंधी मामले ही आज जनता दरबार में आए.

जनता दरबार कार्यक्रम में एक मामला नदी कटाव समस्या से जुड़ा हुआ आया. इसके बाद सीएम ने तुरंत जल संसाधन विभाग के मंत्री को फोन लगाया और पूछा कि तटबंध काहे नहीं बना. वहीं, गोपालगंज से एक गांव की सड़क के मुख्य सड़क में नहीं जुड़े होने का मामला सामने आया. इसे भी सीएम ने देखने का निर्देश दिया.

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वहीं, एक काफी पुराना मामला लेकर फरियादी जनता दरबार पहुंचा. उसने सीएम से कहा 'सर 1998 का मामला है. इसके 23 साल हो गए हैं. मेरे पिताजी ने गोपालगंज सर्किट हाउस का मरम्मत कराया गया था, लेकिन अब तक उस राशि का भुगतान विभाग के द्वारा नहीं किया जा सका है. जबकि कोर्ट ने 12 प्रतिशत ब्याज के साथ 15 दिनों के अंदर भुगतान करने का निर्देश दिया था. इसके बाद भी भुगतान नहीं हो सका. इस मामले को भी सीएम ने तुरंत देख लेने का निर्देश अधिकारियों को दिया. शख्स ने सीएम नीतीश को बताया कि आप भी साल 2014 में हमारे घर गए थे.

सीएम ने आज ऊर्जा, जल संसाधन विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, खाद्य उपभोक्ता संरक्षण विभाग, परिवहन विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग, ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज, पथ निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, जलवायु परिवर्तन विभाग की शिकायतें सुनीं लेकिन सबसे अधिक मामले सड़क, गली, नाली निर्माण से जुड़ी हुई देखी गई.

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