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2000 Rupee Note: आरबीई पीएम के इशारे पर बंद किये दो हजार के नोट, राजद ने बीजेपी पर साधा निशाना

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Published : May 19, 2023, 11:10 PM IST

आरबीआई के 2,000 रुपये के नोट को चलन से हटाया जाने को लेकर राष्ट्रीय जनता दल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर हमला बोला है. पार्टी पूरे मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की से तथ्य रखे जाने की मांग की है. बाते दें कि इन नोटों को 30 सितंबर तक या तो बैंक खातों में जमा किया जा सकता है या बदला जा सकता है. पढ़ें पूरी खबर...

दो हजार रुपये के नोट बंद
दो हजार रुपये के नोट बंद

पटना में राजद ने बीजेपी पर साथ निशाना

पटना:राजधानी पटना में दो हजार के नोट को वापस लिए जाने को लेकर सियासत तेज हो गई है. राष्ट्रीय जनता दल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर हमला बोला है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने शुक्रवार को एक बयान जारी करते हुए इस पूरे मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की से तथ्य रखे जाने की मांग की है. दरअसल रिजर्व बैंक के द्वारा शुक्रवार को दो हजार रुपये के नोट को वापस लिए जाने की नोटिफिकेशन को जारी किए जाने के बाद आरजेडी हमलावर हो गई है.

ये भी पढ़ें:दो हजार के नोट वापस लेगी RBI, 30 सितंबर तक बैंक को वापस करने होंगे

पूंजीपति मित्रों को खुश करने के लिए की गई घोषणा:राष्ट्रीय जनता दल के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारे पर दो हजार के नोट को बंद करने का निर्णय लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारे पर देश में नोटबंदी भी हुई थी. उन्होंने कुछ पूंजीपति मित्रों को खुश करने के लिए इसकी घोषणा की थी. उन्होंने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी को आर्थिक रुप से संपन्न करने के लिए घोषणा की गई ताकि देशभर में पार्टी के कार्यालयों के लिए जमीन खरीद सके और बीजेपी सशक्त हो सके.
"नोटबंदी देश की अर्थव्यवस्था के लिए घातक साबित हुई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारे पर देश में नोटबंदी भी हुई थी. उन्होंने कुछ पूंजीपति मित्रों को खुश करने के लिए इसकी घोषणा की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सभी बिंदुओं पर देश की जनता के सामने तथ्यात्मक बातों को रखना चाहिए."-शक्ति सिंह यादव, मुख्य प्रवक्ता, राजद

नोटबंदी देश की अर्थव्यवस्था के लिए घातक हुई थी:शक्ति सिंह यादव ने यह भी कहा कि नोटबंदी देश की अर्थव्यवस्था के लिए घातक साबित हुई थी. प्रधानमंत्री के निर्णय से देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरीके से चरमरा गई. निर्णय आनन-फानन में लिया गया. देश में ऊहापोह की स्थिति थी. प्रधानमंत्री को इन सभी बिंदुओं पर देश की जनता के सामने तथ्यात्मक बातों को रखना चाहिए नहीं तो देश की जनता के सामने प्रधानमंत्री माफी मांगे की नोटबंदी का फैसला गलत था.

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