पटना: सोशल मीडिया के जरिए तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के साथ तथाकथित तौर पर मारपीट की घटना को प्रचारित और प्रसारित करने के आरोप में मनीष कश्यप को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. मनीष कश्यप को फिलहाल बेऊर जेल में रखा गया है. तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के साथ तथाकथित तौर पर दुर्व्यवहार और मारपीट की घटना को सोशल मीडिया में बढ़ा चढ़ा कर पेश किया गया. सोशल मीडिया पर मजदूरों के हत्या की भी झूठी खबर चलाई गई. खबर चलने के बाद दोनों राज्यों में हालात बिगड़ने लगे और कानूनी कार्यवाही शुरू हुई. तमिलनाडु पुलिस ने भी प्राथमिकी दर्ज कराया और बिहार में भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई.
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जगदीशपुर ओपी में किया था मनीष ने सरेंडर: बिहार में 4 आरोपियों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. अमन और राकेश तिवारी पहले ही गिरफ्तार कर लिए गए थे, लेकिन मनीष कश्यप लगातार पुलिस को चकमा दे रहा था. दोनों राज्यों के पुलिस कई राज्यों में मनीष कश्यप को तलाश रही थी. आखिरकार आर्थिक अपराध इकाई की दबिश के बाद मनीष कश्यप ने बेतिया के जगदीशपुर थाने में गिरफ्तारी दी. उसके बाद आर्थिक अपराध इकाई की टीम मनीष कश्यप को साथ लेकर पटना आ गए और मनीष कश्यप से पूछताछ की गई. पूछताछ के दौरान मनीष कश्यप ने कई खुलासे किए हैं.