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CM नीतीश के दरबार में फूट-फूटकर रो पड़ा लाचार पिता, कहा- 'मेरी बेटी को मार डाला.. इंसाफ दिलाईये'

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Published : Jun 13, 2022, 1:03 PM IST

सीएम नीतीश के जनता दरबार (CM Nitish In Janta Darbar) में एक पिता फूट-फूटकर रो पड़ा. उसने कहा कि मेरी बेटी को दहेज लोभियों ने मार डाला. गरीब आदमी की कोई इज्जत नहीं, कोई नहीं सुनता. सीएम ने तुरंत मामले को देखने का आदेश संबंधित विभाग को दिया है.

CM Nitish Janta Darbar
CM Nitish Janta Darbar

पटना: बिहार केमुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के जनता दरबार में आज एक लाचार पिता ने रोते हुए अपना दर्द बयां किया. उसने सीएम के सामने कहा कि सर हमारी बेटी को उसके ससुरालवालों (Complaint of murder for dowry from CM Nitish) ने मार दिया. गरीब आदमी की को इज्जत नहीं है. कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है. मेरी बेटी की 11 महीने पहले हत्या कर दी गई थी. एफआईआर भी हुआ लेकिन आजतक कोई कार्रवाई नहीं की गई.

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दहेज हत्या की सीएम नीतीश से शिकायत:लाचार पिता सीएम के दरबार में अपनी पीड़ा ज्यादा नहीं कह पाया. पिता पूरे समय सीएम नीतीश के सामने रोता रहा. सीएम नीतीश कुमार ने फरियादी की पूरी बात सुनने के बाद मामला अनुसूचित जाति के पास भेज दिया और निर्देश दिया कि पूरे मामले को तुरंत देखिए.

"सर मेरी बेटी को 11 महीने पहले मार डाला. गरीब आदमी की कोई इज्जत नहीं है. हमारी फरियाद कोई नहीं सुन रहा."-फरियादी

जनता दरबार का आयोजन: मिली जानकारी के अनुसार संबंधित विभाग के सभी मंत्री और बिहार सरकार के सभी आला अधिकारी जनता दरबार में मौजूद हैं. बिहार में भी कोरोना संक्रमण (Corona Infection in Bihar) के मामले बढ़ने लगे हैं, तो इसको लेकर जनता दरबार में और भी एहतियात बरता जा रहा है. ऐसे भी पहले से ही सीमित संख्या में लोगों को कोरोना की पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही जिला प्रशासन के माध्यम से जनता दरबार लाया जाता है.


पिछले जनता दरबार में 137 मामलों की हुई थी सुनवाई: गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित जनता दरबार में सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Janta Darbar) ने 173 लोगों की समस्याओं को सुना था. उन्होंने संबंधित विभागों को समाधान के लिए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए. जून महीने के पहले जनता दरबार में सामान्य प्रशासन विभाग, गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग, निगरानी विभाग, खान एवं भू-तत्व विभाग से संबंधित मामलों पर सुनवाई हुई थी.

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