बिहार

bihar

मसौढ़ी में वामदलों ने संकल्प दिवस के रूप में मनाया भगत सिंह की जयंती

By

Published : Sep 28, 2022, 6:56 PM IST

बिहार के मसौढ़ी में वामदलों ने शहीदे आजाम भगत सिंह को उनकी जयंती (Shaheed Azam Bhagat Singh birth anniversary) पर याद किया है. भगत सिंह की आज 115 वीं जयंती को वामदल के नोताओं ने संकल्प दिवस के रूप में मनाया है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

भगत सिंह की जयंती
भगत सिंह की जयंती

मौसढ़ी: शहीदे आजम भगत सिंह की आज 115 वीं जयंती (Shaheed Azam Bhagat Singh birth anniversary) के मौके पर पूरे देश भर में कई कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा हैं. ऐसे में मसौढ़ी में भगत सिंह का जयंती वामदलों ने संकल्प दिवस (Sankalp Diwas in Masaurhi)के रूप में मनाया है. उन्होंने इस मौके पर भगत सिंह के विचारों को आत्मसात करने का संकल्प भी लिया है.

पढ़ें-पटना में वामदलों ने निकाला आक्रोश मार्च, सरकार से की महंगाई रोकने की मांग


वामदल का बीजेपी पर निशाना: मसौढ़ी में वाम समर्थक शहीदे आजम भगत सिंह की 115 वीं जयंती को संकल्प दिवस में मना कर केंद्र सरकार पर हमला बोल रहे हैं. उन्होंने कहा है कि एक तरफ ब्रिटिश सरकार ने इसे शहीद का दर्जा दिया था लेकिन हमारी सरकार आज तक इन शहीदों को शहीद का दर्जा नहीं दिया है, जिन्होंने युवा अवस्था में ही देशभर में आंदोलन चलाकर क्रांति का एक नया इंकलाब लिखा था.

भगत सिंह की 115 वीं जयंती:मसौढ़ी गांधी मैदान स्थित शहिद भगत सिंह स्मृति पार्क पर सैकड़ों की संख्या में वाम समर्थक ने माल्यार्पण करते हुए और इंकलाब के नारों के साथ उनकी जयंती मनाई. लोगों ने संकल्प लिया कि उनके बताए हुए रास्ते विचारों को आत्मसात करेंगे, इसके अलावा सभा का आयोजन किया गया उनके जीवनी पर प्रकाश डालते हुए सरदार भगत सिंह के पूरी जीवन के बारे में लोगों को बताया गया कहा कि उनका पूरा जीवन देश के लिए समर्पित था.

"नई पीढ़ी देश के अमर शहीदों के बताए मार्गों को भूलती जा रही है, शहीदों के जीवन मूल्यों एवं सिद्धांतों को अपनाकर ही हम देश की सेवा में योगदान कर सकते हैं. युवा पीढ़ी को अपने दैनिक जीवन में इसका अनुसरण करना चाहिए."-सत्यनारायण, प्रखंड अध्यक्ष, मजदूर सभा


"देश को आजाद कराने में प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों का त्याग और बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकता है. शहीदों की बदौलत देश आजाद हुआ और हम चैन की नींद जी रहे हैं. शहीद भगत सिंह का नाम सुनने मात्र से ही अंग्रेजी हुकूमत के अधिकारियों के हाथ-पांव फूलने लगते थें. आज उन्हें याद करने का दिन है और संकल्प लेने का दिन है कि उनके विचारों को आत्मसात करें. नई युवा पीढ़ी को भगत सिंह जैसे विचारों पर चलने की जरूरत है."-विनेश चौधरी, भाकपा माले

पढ़ें-RJD कांग्रेस की लड़ाई से लेफ्ट ने बनाई दूरी, उपचुनाव में समर्थन पर चुप्पी ने बढ़ाई बेचैनी


ABOUT THE AUTHOR

...view details