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गठबंधन बदलने के बाद कुढ़नी में JDU और BJP पहली बार आमने-सामने, जानिये-मतदान से पहले की हलचल

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Published : Dec 4, 2022, 6:25 PM IST

Updated : Dec 4, 2022, 6:46 PM IST

गठबंधन के बदले स्वरूप में जेडीयू और बीजेपी पहली बार कुढ़नी विधानसभा सीट (Kurhani Assembly By Election) पर उपचुनाव में आमने-सामने है. इससे पहले मोकामा और गोपालगंज उपचुनाव में महागठबंधन की ओर से राजद के उम्मीदवार मैदान में थे. यह मुकाबला बराबरी पर छूटा था. इसलिए राजनीतिक गलियारे में कुढ़नी उपचुनाव पर सबकी नजर है. विश्लेषक इस चुनाव को मिशन 2024 से भी जोड़कर देख रहे हैं. इसकी गंभीरता को समझते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने साझा तौर पर चुनावी जनसभा को संबोधित किया था. कुछ दिनों पहले हुए मोकामा और गोपालगंज उपचुनावों में वे प्रचार के लिए नहीं गए थे.

कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव
कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव

पटनाः बिहार के मुजफ्फरपुर के कुढ़नी विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव (Kurhani By Election 2022) के लिए सोमवार को मतदान होगा. हाल ही में हुए गोपालगंज उपचुनाव के परिणाम से उत्साहित एआईएमआईएम (AIMIM) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रत्याशी निलाभ कुमार के उतार देने से एनडीए और महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ गई है. कहा जा रहा है कि एआईएमआईएम जहां महागठबंधन के वोट बैंक में सेंध लगाएगी वहीं वीआईपी (VIP) भूमिहार समाज से आने वाले नीलाभ कुमार को चुनावी मैदान में उतारकर एनडीए और महागठबंधन दोनों के गणित को गड़बड़ा (nitish kumar and tejashwi yadav plan in Kurhani) दिया है.

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कुढ़नी में JDU और BJP पहली बार आमने-सामने

रोचक रहा है मुकाबलाः बिहार की कुढ़नी विधानसभा सीट (Kurhani By Elections 2022) पर पांच दिसंबर को उपचुनाव है. उपचुनाव में कुल 13 प्रत्याशी मैदान में हैं. माना जा रहा है कि इस मुकाबले मे सीधा टक्कर जेडीयू उम्मीदवार मनोज कुशवाहा और बीजेपी के उम्मीदवार केदार प्रसाद गुप्ता के बीच है. केदार गुप्ता और मनोज कुशवाहा दोनों ही विधायक रह चुके हैं. चुनाव का पुराना इतिहास देखें तो साल 2015 में केदार गुप्ता ने जेडीयू के मनोज कुशवाहा को हराया था. केदार गुप्ता पर बीजेपी ने इस चुनाव में भी दांव खेला है. साल 2020 में आरजेडी से अनिल सहनी विजयी हुए थे. जेडीयू के मनोज कुशवाहा चुनाव में नहीं उतरे थे.

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दिलचस्प होगा चुनावः पिछली बार बीजेपी कुछ मतों से हारी थी. इस बार मैदान में बीजेपी के सामने महागठबंधन से जेडीयू उम्मीदवार हैं. चुनाव प्रचार में दोनों पार्टियों के नेता ने कोई कसर नहीं छोड़ी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद दो दिसंबर को चुनावी सभा में कुढ़नी पहुंचे थे. तेजस्वी यादव, मांझी, ललन सिंह समेत महागठबंधन के तमाम नेताओं ने प्रचार किया है. वीआईपी के मुकेश सहनी और एमएआईएएम प्रत्याशी गेम चेंजर हो सकते हैं. चुनाव का इतिहास देखा जाए तो तीसरे नंबर का कैंडिडेट गेम चेंजर होता है.

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महागठबंधन का खेल बिगाड़ दिया थाः हाल ही में हुए गोपालगंज उपचुनाव में महागठबंधन के वोट बैंक में सेंध लगाने के बाद AIMIM पर सबकी नजर है. पार्टी ने पूर्व जिला पार्षद गुलाम मुर्तजा अंसारी को मैदान में उतारा है. कुढ़नी उपचुनाव में AIMIM की एंट्री के बाद महागठबंधन नेताओं की परेशानी बढ़ गयी है. गोपालगंज में AIMIM के उम्मीदवार अब्दुल सलाम को 12,214 वोट मिले थे, जिसने महागठबंधन का खेल बिगाड़ दिया था. बीजेपी उम्मीदवार कुसुम देवी सिर्फ 1800 वोटों से चुनाव जीती थीं,

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क्या है जातीय समीकरण:कुढ़नी में कुल 3 लाख 10 हजार 987 मतदाता हैं. जातीय समीकरण की बात करें तो पिछड़े वर्ग में पहले नंबर पर लगभग 40 हजार मतदाताओं के साथ कुशवाहा जाति है. दूसरे नंबर पर वैश्य समाज के लोग आते हैं, जिनकी संख्या करीब 33 हजार के आसपास है. इसके अलावा 25 हजार मतदाताओं के साथ सहनी समाज तीसरे नंबर पर है. चौथे नम्बर पर करीब 23 हजार मतदाताओं के साथ यादव जाति के लोग हैं. इसके अलावा कुर्मी जाति के वोटर भी अच्छी खासी संख्या में हैं. वहीं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति मतदाताओं की संख्या लगभग 19 प्रतिशत है. इसमें 15,000 से अधिक पासवान जाति के लोग हैं. मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 25 हज़ार के आसपास है. इस विधानसभा क्षेत्र में अगड़ी जाति के करीब 45 हज़ार मतदाता भी मौजूद है जिसमें 30,000 से अधिक भूमिहार है.

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क्यों हो रहा उपचुनावः कुढ़नी विधानसभा क्षेत्र से आरजेडी विधायक अनिल सहनी पर राज्यसभा सांसद रहने के दौरान एलटीसी घोटाले का आरोप लगा है. इस आरोप पर सीबीआई जांच कर रही थी. अनिल सहनी जब राज्यसभा सांसद बने थे तो बिना यात्रा के लाखों रुपये का घोटाला हुआ था. एलटीसी घोटाला मामले में 31 अक्टूबर 2013 को सीबीआई ने केस दर्ज किया था. सीबीआई ने इस मामले में मनी लाउंड्रिंग एक्ट, धोखाधड़ी, सरकारी पद के दुरुपयोग की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अवकाश एवं यात्रा भत्ता घोटाला (LTC scam Case) मामले में उनको दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी.

Last Updated : Dec 4, 2022, 6:46 PM IST

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