पटना: जेडीयू में अजब तरह की सियासत चल रही है. एक तरफ राष्ट्रीय परिषद (JDU National Council) की बैठक में नीतीश 'पीएम मैटेरियल' हैं ऐसा प्रस्ताव पारित होता है, तो वहीं दूसरी ओर सीएम नीतीश 'पीएम मैटेरियल' को फालतू बताते हैं. इस मुद्दे पर सवाल पूछते ही मीडिया के सामने हाथ जोड़ लेते हैं. लेकिन सवाल यही है कि जब सीएम नीतीश खुद इसे नकार रहे हैं तो फिर वो कौन सी सियासी 'खिलाड़ी' हैं जो पार्टी के अंदर इस तरह के पासे बार-बार फेंक रहे हैं.
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पीएम मैटेरियल के सियासी चाल में दो पासे अहम रोल निभा रहे हैं. पहला उपेन्द्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) का नाम सबसे ऊपर है. उपेन्द्र कुशवाहा जहां भी जाते हैं उनके सामने ही नारे लगने लग जाते हैं- 'हमारा प्रधानमंत्री कैसा हो? नीतीश जैसा हो!' वहीं दूसरा नाम केसी त्यागी का है. ऐसा लगता है कि दोनों के ऊपर ही पीएम मैटेरियल को प्रमोट करने की छिपी हुई जिम्मेदारी दी गई है.
उपेन्द्र कुशवाहा नारे लगवाकर आखिर क्या दिखाना चाहते हैं. क्या नारे लगवाना उपेन्द्र कुशवाहा की मजबूरी बन गई है? या सीएम नीतीश को पीएम प्रमोट करके खुद सीएम बनने का सपना संजोए हुए हैं. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि उपेन्द्र कुशवाहा के बिहार यात्रा के दौरान 'भावी सीएम उपेन्द्र कुशवाहा' वाला पोस्टर भी लगाया जा चुका है.
सीएम नीतीश लगातार पीएम मैटेरियल को फालतू बता रहे हैं. बल्कि ये कहिए कि मीडिया के सामने इस सवाल से पिंड छुड़ा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर उपेन्द्र कुशवाहा लगातार इसपर अड़े हुए हैं. मंगलवार को जैसे ही छपरा में उपेन्द्र कुशवाहा पहुंचे, जोर-शोर से नारेबाजी शुरू हो गई.