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Tamil Nadu Violence: 'तमिलनाडु में बिहार के लोगों की पिटाई, पलायन का दंश..एक्शन ले सरकार'.. सुधाकर सिंह

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Published : Mar 3, 2023, 8:11 PM IST

तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों की पिटाई मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए सुधाकर सिंह (Sudhakar Singh reacts on Tamil Nadu violence ) ने इसे पलायन का दंश बताया है और इसके लिए अब तक की सभी सरकारी जिम्मेदार है. तामिलनाडु में बिहार के लोगों के साथ मारपीट हुई है और सरकार को इस पर कड़ा एक्शन लेना चाहिए. पढ़ें पूरी खबर.

कृषि मंत्री सुधाकर सिंह
कृषि मंत्री सुधाकर सिंह

तामिलनाडु हिंसा पर सुधाकर सिंह की प्रतिक्रिया

पटना: बिहार की राजधानी पटना मेंतमिलनाडु हिंसा मामले को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ से बयानबाजियां तेज हो गई है. तामिलनाडु में बिहारी मजदूरों की पिटाई से हुई मौत और कई मजदूरों को जख्मी किए जाने के मामले पर राजद विधायक और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह (Former Agriculture Minister Sudhakar Singh ) ने कहा कि यह पलायन का दंश है और इसके लिए अब तक की सरकारें जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि जो पार्टी कल तक सत्ता में थी वह आज विपक्ष में है और जो कल तक विपक्ष में थी आज सत्ता में है. ऐसे में यह उन लोगों की सामूहिक जिम्मेदारी बनती है.

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रोजगार के लिए बिहार से मजदूरों का पलायनःसुधाकर सिंह ने कहा कि आज भी बिहार से मजदूर रोजी रोजगार और मजदूरी के लिए पलायन करने को विवश हैं. बिहार की दुर्दशा का जो कारण है यह पलायन है और जो लोग कह रहे हैं कि बिहार में पलायन नहीं है. यह घटना साबित कर रही है कि बिहार में सही मायने में पलायन हो रहा है. बिहार में जो कृषि क्षेत्र की दुर्दशा है. यही कारण है कि बिहार के कामगार दूसरे प्रदेशों में जाकर काम की तलाश करने को विवश हैं. त्रिपुरा से लेकर तमिलनाडु और कश्मीर से लेकर असम तक जहां जाइए, बिहारी मजदूर मिल जाएंगे.

"यह पलायन का दंश है और इसके लिए अब तक की सरकारें जिम्मेदार हैं. जो पार्टी कल तक सत्ता में थी वह आज विपक्ष में है और जो कल तक विपक्ष में थी आज सत्ता में है. ऐसे में यह उन लोगों की सामूहिक जिम्मेदारी बनती है. करोड़ों की तादाद में बिहार के दैनिक कामगार दूसरे प्रदेशों में जाकर काम कर रहे हैं. सभी जगह आए दिन बिहार के मजदूर मार खाते हैं. इसके लिए कोई अकेले एक व्यक्ति एक दल उत्तरदाई नहीं है बल्कि सभी उत्तरदाई हैं. तामिलनाडु में बिहारी मजदूरों के साथ घटना हुई है, मैं इस बात को स्वीकार करता हूं. इस मामले पर राज्य सरकार को कड़ा निर्णय लेने की आवश्यकता है"- सुधाकर सिंह, पूर्व कृषि मंत्री

हर जगह बिहार के मजदूर मार खा रहेःउन्होंने कहा कि करोड़ों की तादाद में बिहार के दैनिक कामगार दूसरे प्रदेशों में जाकर काम कर रहे हैं. सभी जगह आए दिन बिहार के मजदूर मार खाते हैं. इसके लिए कोई अकेले एक व्यक्ति एक दल उत्तरदाई नहीं है बल्कि सभी उत्तरदाई हैं. कहीं ना कहीं विधायिका जो प्रदेश किस समेकित विकास के लिए करना चाहिए था वह नहीं कर पाई है और विफल रही है. वहीं तेजस्वी यादव के तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से मुलाकात को इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सुधाकर सिंह ने कहा कि विपक्षी दलों का काम होता है सवाल खड़ा करना. उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को इसकी जानकारी नहीं थी, उनका दौरा पहले से तय था वह पहले से दौरे पर चले गए थे और अचानक से ऐसी घटना की जानकारी मिली है.

भाषा एक बड़ी बाधाः सुधाकर सिंह ने कहा कि आज भी तमिलनाडु और उत्तर भारत के बीच कम्युनिकेशन में भाषा की एक बड़ी बैरियर है और इंग्लिश व हिंदी मीडियम में न्यूज आते-आते समय लग गया. बिहार के डीजीपी ने इस मसले पर वहां के डीजी से बात की है. वैसे वहां के डीजी ने ऐसी किसी भी घटना से इंकार किया है और अपने राज्य का बचाव कर रहे हैं, लेकिन बिहारी मजदूरों की पिटाई हुई है. मैं इस बात को स्वीकार करता हूं. इस मामले पर राज्य सरकार को कड़ा निर्णय लेने की आवश्यकता है.

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