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कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच CM नीतीश का बड़ा फैसला, समाज सुधार अभियान और जनता दरबार स्थगित

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Published : Jan 4, 2022, 8:46 PM IST

Updated : Jan 4, 2022, 9:05 PM IST

सीएम नीतीश कुमार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए समाज सुधार अभियान और जनता दरबार स्थगित कर दिया है. उन्होंने मंगलवार शाम क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक के बाद यह फैसला लिया है. साथ ही रात्रि कर्फ्यू का भी ऐलान किया गया है. पढ़ें रिपोर्ट.

सीएम नीतीश कुमार
सीएम नीतीश कुमार

पटनाः बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या में अचानक हुई अप्रत्याशित वृद्धि को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने अहम फैसला लिया (CM Nitish kumar CMG Meeting Regarding Corona) है. उन्होंने समाज सुधार अभियान की यात्रा और जनता दरबार स्थगित कर दिया है. उन्होंने इसको लेकर मंगलवार शाम काफी देर तक बैठक की. क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में सीएम नीतीश कुमार ने बिहार में रात्रि कर्फ्यू का भी ऐलान किया.

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बता दें कि लगातार कोरोना के मामले बढ़ने पर पूरे प्रदेश में खलबली थी. वहीं लोग यह भी कह रहे थे कि अगर लॉकडाउन लगा तो लोग आर्थिक तंगी से जूझने लगेंगे. जानकारी दें कि आईएमए के अधिवेशन के बाद से कोरोना से डॉक्टर काफी ज्यादा संक्रमित हो गए थे. वहीं कई बड़े नेता और चिकित्सक कोरोना पॉजिटिव हो गए थे. इसको लेकर नीतीश कुमार ने औरंगाबाद में अपनी समाज सुधार अभियान की यात्रा के दौरान ही संकेत दे दिए थे. वहीं जनता दरबार में भी लगभग एक दर्जन से अधिक लोग कोरोना संक्रमित पाए गए थे. पहले 6 फरियादी कोरोना संक्रमित पाए गए थे लेकिन होटल मौर्य से खाना बनाने पहुंचे 5 कर्मचारी और सुरक्षा में तैनात 3 जवान भी संक्रमित पाए गए हैं. ऐसे में कुल 14 लोग पॉजिटिव पाए गए थे.

बता दें कि मंगलवार को राजधानी पटना में कोरोना ( Patna Corona Update ) के 522 नए मामले सामने आए. जिनमें 40 से अधिक बच्चों में भी संक्रमण पाया गया है. इन सभी बच्चों की उम्र 18 साल से कम है. बताया जाता है कि सभी 2 साल से 17 साल के बीच के हैं. राजधानी में एक साथ इतने मामले मिलने के साथ ही यहां एक्टिव मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 1200 हो गया है. प्रदेश में कोरोना के मामलों में बीते 10 दिनों में बेतहाशा वृद्धि हुई है. बीते पांच दिनों में 260% केस बढ़ गए हैं. 30 दिसंबर को जहां प्रदेश भर में 132 एक्टिव मरीज मिले थे, वहीं 31 दिसंबर को यह बढ़कर 158 हो गई.

राज्य स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो राज्य में 27 दिसंबर को केवल 26 नए मामले सामने आए थे. आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल के अंतिम दिन यानी 31 दिसंबर को राज्य भर में 158 मामले सामने आए थे. लेकिन नए साल के पहले दिन यानी 1 जनवरी के कोरोना के आंकड़े ने बीते 6 महीने का रिकॉर्ड तोड़ दिया. सूबे में और 281 नए मामले सामने आए. 2 जनवरी को नए मामलों की संख्या बढ़कर 352 हो गई, फिर 3 जनवरी को प्रदेश में नए संक्रमण की संख्या 344 मिली. इसके बाद अब मंगलवार को सिर्फ राजधानी पटना में ही कोरोना के 522 नए मामले सामने आए हैं.

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इसी के साथ, प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 2000 से अधिक हो गई है और राजधानी पटना की बात करें तो यहां एक्टिव मरीजों की संख्या 1200 हो गई है. पटना जिला सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी ने इसकी जानकारी दी है. नए मामलों के 11 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं. पटना एम्स में 10 मरीज हैं, जिनमें से आठ मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं. एक मरीज वेंटिलेटर पर है और एक मरीज जनरल बेड पर है. सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी के अनुसार मंगलवार को मिले 522 नए मामलों में अधिकांश संक्रमण के हल्के-फुल्के लक्षण से संक्रमित हैं.

सभी को सर्दी जुकाम और गले की खराश जैसी शिकायत है. सिविल सर्जन ने कहा कि काफी संख्या में बच्चे भी शामिल हैं. अभिभावकों को सतर्कता अपनाने की जरुरत है. बता दें कि इस चरण के पहले दौर में डॉक्टरों में भी संक्रमण तेजी से फैला है. पटना के एनएमसीएच डेढ़ सौ से अधिक डॉक्टर और छात्र संक्रमित मिले हैं.

पिछले तीन दिनों की जांच रिपोर्ट में 168 डॉक्टर और मेडिकल छात्र आरटी-पीसीआर जांच में कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. अधिकांश को सर्दी, खांसी, बुखार और गले में दर्द जैसी शिकायतें है. अधिकांश घरों में क्वारेंटाइन हैं, एनएमसीएच में 7 मरीजों को भर्ती किया गया है, जिनका इलाज चल रहा है. सभी की हालत पहले से बेहतर है.

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एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया था कि रविवार को चिकित्सकों की आरटीपीसीआर जांच करायी गयी, जिसमें 84 डॉक्टर संक्रमित पाए गए. शनिवार को 12 चिकित्सक संक्रमित पाये गये थे. सभी संक्रमित चिकित्सक होम आइसोलेशन में हैं.

साथ ही पटना जंक्शन पर 6 पॉजिटिव केस मिले. एंटीजन कीट से 155 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इसके अलावा गुरु गोविंद सिंह सदर अस्पताल के द्वारा 502 लोगों की एंटीजन किट से जांच की गई, जिसमें 23 पॉजिटिव पाए गए. तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण को लेकर चिकित्सा जगत के विशेषज्ञों का दावा है कि बिहार में कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी है. यह समय से काफी पहले आया है. ऐसे में अब लोगों को सावधान और सतर्क हो जाने की आवश्यकता है.

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Last Updated :Jan 4, 2022, 9:05 PM IST

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