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बिहार में 15 से 30 जुलाई तक चलेगा सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा, शिशु मृत्यु दर में कमी लाना लक्ष्य

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Published : Jun 27, 2022, 7:57 AM IST

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे (Health Minister Mangal Pandey) ने कहा कि हमारी कोशिश है कि बिहार में शिशु मृत्यु दर को शून्य स्तर तक लाया जाए. इसी उद्देश्य से पखवाड़े के दौरान 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों वाले घरों में बच्चों के हिसाब से ओआरएस पैकेट का वितरण किया जाएगा.

सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा
सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा

पटना: बिहार में शिशु मृत्यु दर में कमी (Reduction in Infant Mortality) लाने के उद्देश्य से आगामी 15 जुलाई से 30 जुलाई तक स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े (Diarrhea Control) का आयोजन किया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे(Health Minister Mangal Pandey) ने बताया कि प्रदेश में शिशु मृत्यु दर को शून्य स्तर तक लाने के उद्देश्य से पखवाड़े के दौरान 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों वाले घरों में बच्चों के हिसाब से ओआरएस पैकेट का वितरण किया जाएगा. इसके साथ ही 5 वर्ष की उम्र तक के ऐसे बच्चे, जो दस्त रोग से ग्रसित होंगे उन्हें लक्षित कर उनका समुचित उपचार किया जाएगा.

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शिशु मृत्यु दर में कमी पर जोर: इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि पखवाड़े के दौरान अति संवेदनशील क्षेत्र शहरी झुग्गी झोपड़ी, कठिन पहुंच वाले क्षेत्र, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र, निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के परिवार, ईंट भट्टे वाले क्षेत्र, अनाथालय और ऐसे चिह्नित क्षेत्र, जहां दो-तीन वर्ष पहले तक दस्त के मामले अधिक संख्या में पाए गए हैं उनको विशेष प्राथमिकता दी जाएगी. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इसके अलावा नीति आयोग द्वारा प्रदेश के चयनित 13 आकांक्षी जिलों में विशेष रुप से पखवाड़ा का अनुश्रवण किया जाएगा.

बच्चों को मिलेगा ओआरएस का पैकेट: मंगल पांडे ने कहा कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में आशा के द्वारा 5 वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों के घरों में प्रति बच्चा 1-1 ओआरएस का पैकेट वितरण किया जाएगा. इसके साथ ही कोरोना महामारी को देखते हुए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आशा द्वारा नन कंटेनमेंट जोन के घरों में ओआरएस का वितरण किया जाएगा. इस दौरान कोरोना प्रोटेक्शन प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा.

सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा: स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि पखवाड़ा से पहले प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी स्वास्थ्य, शिक्षा, आईसीडीएस, जीविका और एआईपी, आईएमए तथा सहयोगी संस्था के प्रतिनिधियों के द्वारा जिला स्तर पर अर्ध दिवसीय कार्यशाला आयोजित कर पखवाड़ा के बारे में दिशा निर्देश दिया जाएगा. दस्त रोग से ग्रसित बच्चों को स्वस्थ रखने के उद्देश्य से सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा प्रतिवर्ष चलाया जाता है.

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