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बोचहां विधानसभा उपचुनाव: शनिवार को मतगणना.. BJP, RJD और VIP के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी ये सीट

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Published : Apr 15, 2022, 6:29 PM IST

बोचहां विधानसभा उपचुनाव (Bochaha assembly By Election) का रिजल्ट शनिवार को घोषित होने वाला है. यह सीट सभी सियासी दलों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है. सभी इस सीट पर जीत के दावे कर रहे हैं. इस उपचुनाव में बीजेपी, आरजेडी और वीआईपी में कड़ा संघर्ष है. पढ़ें रिपोर्ट..

बोचहां विधानसभा उपचुनाव
बोचहां विधानसभा उपचुनाव

पटना:बोचहां विधानसभा उपचुनाव का रिजल्ट (Bochaha By Election Result) 16 अप्रैल यानि शनिवार को आने वाला है. इससे पहले बीजेपी और आरजेडी की तरफ से लगातार जीत के दावे हो चुके हैं. मुकेश सहनी की पार्टी की तरफ से भी जीत होने की बात कही जा रही है. जनता ने उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला 12 अप्रैल को ही ईवीएम में बंद कर दिया है. ऐसे तो मुकाबला आरजेडी और बीजेपी के बीच ही है, लेकिन मुकेश सहनी ने भी पूरी ताकत लगाई है. इसी कारण बोचहां उपचुनाव की जीत और हार को प्रतिष्ठा से भी जोड़ा जा रहा है. इस सीट पर 59.20 प्रतिशत मतदान हुए थे.

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आरजेडी के पास है एमवाई वोटर्स का सपोर्टः मुजफ्फरपुर जिले की बोचहां विधानसभा की सीट वीआईपी विधायक मुसाफिर पासवान के असमय निधन के कारण खाली हुई है. मुसाफिर पासवान के बेटे अमर पासवान को आरजेडी ने टिकट दे दिया जो मजबूत दावेदारों में से एक हैं. अमर पासवान के साथ पासवान समाज का सिंपैथी वोट के साथ-साथ मुस्लिम और यादव वोट बैंक भी है. वहीं बीजेपी ने बेबी कुमारी को इस बार टिकट दिया है. 2020 में वीआईपी को सीट दिए जाने के कारण बेबी कुमारी का टिकट कट गया था.

BJP को जिता सकते हैं अपर कास्ट वोटर्सःबेबी कुमारी पहले विधायक रह चुकी हैं, जो धोबी समाज से आती हैं. बोचहां में धोबी समाज का वोट ऐसे तो बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन पिछड़ा, अति पिछड़ा वोट के साथ अपर कास्ट का वोट मिलने की उम्मीद बीजेपी को है. बीजेपी को अपर कास्ट के साथ कुर्मी, कुशवाहा और पिछड़ा, अति पिछड़ा वर्ग का वोट मिलने की उम्मीद है. बीजेपी को यह भी उम्मीद है कि पासवान और मल्लाह समाज के लोग भी बीजेपी के पक्ष में ही वोट किए होंगे.

VIP को मल्लाह समाज से उम्मीदःमुकेश सहनी ने आरजेडी के कद्दावर नेता और कई बार वहां से विधायक रह चुके रमई राम की बेटी गीता देवी को टिकट दिया है. रमई राम मंत्री भी रह चुके हैं. रमई राम आरजेडी से बगावत कर वीआईपी में शामिल हुए हैं. वीआईपी को मल्लाह समाज का वोट मिलना तय माना जा रहा है. साथ ही रमई राम को अपनी कास्ट का भी अधिकांश वोट मिलने की उम्मीद है, इसलिए बोचहां विधानसभा उपचुनाव दिलचस्प बन गया है.आरजेडी को अपने जातीय समीकरण से पूरी उम्मीद है.

सभी दलों के अपने-अपने दावे: बता दें कि बोचहां विधानसभा उपचुनाव का रिजल्ट 16 अप्रैल यानि कल आएगा. तब तक सभी दलों की धड़कन बढ़ी रहेगी. बोचहां में 13 उम्मीदवार चुनाव लड़े हैं और सबका भाग्य ईवीएम में कैद हो चुका है. बोचहां सीट की हार जीत से सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन बीजेपी बोचहां सीट जीतती है तो विधानसभा में सदस्यों की संख्या बढ़कर 78 हो जाएगी और यदि आरजेडी सीट जीतती है तो उसकी सदस्य संख्या बढ़कर 76 हो जाएगी, जो बीजेपी के 77 से केवल 1 सीट कम होगी.

1200 मतदाताओं पर बना था एक बूथ:आज बोचहां में मतदान चल रहा है, जबकि 16 अप्रैल को वोटों की गिनती होगी. चुनाव आयोग के मुताबिक बोचहां उपचुनाव को लेकर करीब 1200 मतदाताओं पर एक बूथ का गठन किया गया है. 1250 मतदाताओं से अधिक मतदाता वाले बूथों के साथ ही सहायक मतदान केंद्र का गठन किया गया है. सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं. मतदान ईवीएम के माध्यम से होगा. सभी ईवीएम के साथ वीवीपैट भी जोड़े जाएंगे.

चुनावी मैदान में थे कुल 13 प्रत्याशी:बोचहां सीट पर आरजेडी ने जहां दिवंगत विधायक मुसाफिर पासवान के बेटे अमर पासवान को प्रत्याशी बनाया है, वहीं एनडीए की ओर से बीजेपी ने पूर्व विधायक बेबी कुमारी पर दांव लगाया है. इसके अलावा वीआईपी ने यहां से पूर्व मंत्री रमई राम की पुत्री गीता कुमारी को चुनावी दंगल में उतार दिया है. इस चुनाव में कुल 13 प्रत्याशी चुनावी मैदान में भाग्य आजमा रहे हैं. एनडीए प्रत्याशी के चुनाव प्रचार के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित बिहार के कई मंत्री और केंद्रीय मंत्री इस क्षेत्र का दौरा कर चुनावी प्रचार में हिस्सा ले चुके हैं.

मुस्लिम, यादव और भूमिहार निर्णायक वोटर :बोचहां विधानसभा में जातीय समीकरण पर निगाह डाली जाए तो इस सीट पर मुस्लिम, यादव और भूमिहार मतदाता निर्णायक माने जाते हैं, जबकि पासवान, सहनी, रविदास और कोइरी जातियां परिणाम के प्रभावित करने की क्षमता रखती है. वीआईपी पार्टी की उम्मीदवार डॉक्टर गीता नौ बार के विधायक रहे रमई राम की बेटी हैं. रमई राम की इस क्षेत्र में अच्छी पकड़ है, जिसका लाभ डॉक्टर गीता को मिलता नजर आ रहा है.

मुसाफिर पासवान के निधन से सीट खाली: बोचहां विधानसभा क्षेत्र के विधायक मुसाफिर पासवान का निधन 24 नवंबर को हो गया था. वो वीआईपी से विधायक थे. पिछले विधानसभा चुनाव में यह सीट गठबंधन में वीआईपी को मिली थी. मुसाफिर पासवान विधायक बने थे. उनके निधन से यह सीट खाली हुई थी. मुसाफिर पासवान का सभी दलों के नेताओं से बेहतर संबंध था. उन्होंने आरजेडी के कद्दावर नेता रमई राम को 11,268 वोटों के मार्जिन से हराया था. इससे पहले मुसाफिर साल 2005 में आरजेडी के टिकट पर यहां से चुनाव जीते थे. इस विधानसभा क्षेत्र में 22 प्रखंड में 285 मतदान केंद्र हैं, उसमें 12 अप्रैल को मतदान हुआ. 16 अप्रैल को चुनाव परिणाम घोषित होंगे. बता दें कि बोचहां विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में कुल 59.20 फीसदी मतदान हुआ था. क्षेत्र में 2.90 लाख मतदाता हैं. वोट देने में इस बार भी युवा व महिलाएं आगे रहीं थीं.

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