उपचुनाव के नतीजों ने JDU को चौंकायाः नीतीश कुमार से अलग होने के बाद BJP के वोट बैंक में इजाफा
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Published : Nov 7, 2022, 9:30 PM IST
विधानसभा उप चुनाव से पहले बिहार में राजनीतिक उलटफेर हुआ था. नीतीश कुमार ने भाजपा का साथ छोड़ दिया था और वह महागठबंधन का हिस्सा हो गए थे. 7 दलों के कुनबे को आकार लेता देख महागठबंधन नेता खासे उत्साहित थे, लेकिन उपचुनाव के नतीजे ने जहां भाजपा खेमे में उत्साह (BJP vote share increased) भर दिया वहीं जेडीयू खेमे में हताशा है.
पटनाः बिहार में विधानसभा की दो सीटों पर हुए उपचुनाव (Bihar assembly by election result) के नतीजे आ गये हैं. बीजेपी ने गोपालगंज को बरकरार रखा. वहीं राजद ने मोकामा सीट पर अपना कब्जा जमाये रखा. मिशन 2024 से पहले हुए इस चुनाव पर सभी दलों की बारीक नजर थी. कारण, बदले हुए परिवेश में यह चुनाव हो रहा था. विधानसभा चुनाव 2020 में जदयू और भाजपा एक साथ थे. जबकि, इस उपचुनाव में नीतीश भाजपा से अलग होकर महागठबंधन के साथ हैं. ऐसे में कयास यह लगायी जा रही थी कि भाजपा का वोट प्रतिशत घटेगा और महागठबंधन का बढ़ेगा. महागठबंधन नेता 54- 55 प्रतिशत वोट बैंक का दावा कर रहे थे, लेकिन उपचुनाव में तस्वीरें साफ होने लगी.
उपचुनाव में वोट प्रतिशतः बिहार में 2 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों ने यह स्पष्ट कर दिया कि राजनीति में 2 + 2 चार नहीं होते हैं. सीटों के लिए आज से अगर बात करें तो राजद और भाजपा के खाते में एक-एक सीटें गई लेकिन उपचुनाव के नतीजों से भाजपा खेमे में उत्साह का संचार हुआ है. जदयू के साथ रहने पर जहां भाजपा के पास 25 फीसदी के आसपास वोट शेयर थे वहीं अकेले लड़ने पर भाजपा के वोट शेयर में जबरदस्त उछाल (BJP vote share increased) आया और आंकड़ा 40 फीसदी के पार जा चुका है.
आंकड़ों पर एक नजर
वर्ष
विस क्षेत्र
पार्टी
टोटल वोट
वोट प्रतिशत
वर्ष
विस क्षेत्र
पार्टी
टोटल वोट
वोट प्रतिशत
2022
गोपालगंज
बीजेपी
70053
41.6 %
2020
गोपालगंज
कांग्रेस
36460
20.38%
2022
गोपालगंज
राजद
68259
40.53%
2020
गोपालगंज
बसपा
41039
22.94%
2022
मोकामा
राजद
79744
53.44%
2020
मोकामा
राजद
78721
52.99%
2022
मोकामा
भाजपा
63003
42.22%
2020
मोकामा
जदयू
42964
28.92%
-
-
-
-
-
-
मोकामा
लोजपा
13331
8.97%
मोकामा में भाजपा 30 साल बाद चुनाव मैदान मेंः 2020 के विधानसभा चुनाव में मोकामा विधानसभा सीट पर एनडीए की ओर से प्रत्याशी खड़े किए गए थे. एनडीए प्रत्याशी को कुल 42964 वोट यानी की 28.92 प्रतिशत वोट शेयर एनडीए का था. जबकि अनंत सिंह को 78721 वोट मिले थे और 52.99% वोट शेयर उनका था. 2022 विधानसभा उपचुनाव की बात करें तो मोकामा सीट पर 30 साल बाद भाजपा ने उम्मीदवार उतारे और पार्टी को कुल 63000 वोट हासिल हुए वोटों का प्रतिशत 42.22 रहा. 16% वोट बैंक का दावा करने वाला जदयू का साथ मोकामा में अनंत सिंह को मिला तो उन्हें 79744 वोट मिले, जो कि पिछले चुनाव के मुकाबले लगभग 2000 वोट ज्यादा है.
भाजपा के वोट बैंक में इजाफाः गोपालगंज विधानसभा सीट की बात करें तो 2020 में भाजपा को 77791 वोट मिले थे. वोटों का प्रतिशत 41.49 था. तब नीतीश कुमार भाजपा के साथ थे. लेकिन उपचुनाव में गोपालगंज में भाजपा को 70 हजार से ज्यादा मत मिले वोटों का प्रतिशत 41.6 था. जदयू के साथ रहते हुए भाजपा को 25 से 26% वोट मिलते थे लेकिन जैसे ही साथ छूटा तो भाजपा के वोट बैंक में जबरदस्त इजाफा हुआ भाजपा को मोकामा में जहां 42.22% मत मिले वहीं गोपालगंज में भी 41.6% मत अकेले भाजपा को मिला.
जदयू का वोट भाजपा की ओर शिफ्टः भाजपा नेता और विधान पार्षद अनिल शर्मा ने कहा है कि उपचुनाव के नतीजों ने नीतीश कुमार को आईना दिखाने का काम किया है. जब हम नीतीश कुमार के साथ रहते थे तो हमें 25% वोट मिलता था, लेकिन जैसे ही हम अलग हुए हमारा वोट शेयर 40% को पार कर गया. संकेत साफ है कि नीतीश कुमार ने जिस तरीके से गठबंधन तोड़ा उसे जनता का समर्थन नहीं मिला. जदयू का वोट भाजपा की ओर शिफ्ट हुआ.
भाजपा का अंकगणित दुरुस्त नहीं ः जदयू प्रवक्ता और पूर्व विधायक मनजीत सिंह ने कहा है कि भाजपा का अंकगणित दुरुस्त नहीं है. गोपालगंज सीट पर वह मुश्किल से जीत पाए. साधु यादव और ओवैसी के चलते उनकी जीत हुई है. मोकामा हम लोगों ने भारी मतों के अंतर से जीत हासिल की है. आने वाले दिनों में उन्हें अपने ताकत का अंदाजा हो जाएगा. वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि उपचुनाव में भले ही दोनों दलों को एक-एक सीट मिली हो लेकिन उपचुनाव के नतीजे ने भाजपा को निराशा के माहौल से निकाल दिया है. भाजपा बिहार में आत्मनिर्भर होने के रास्ते पर है. 40% से अधिक वोट शेयर दोनों विधानसभा में मिलना भाजपा को उर्जा दे रही है. 2024 के चुनाव में असर देखने को मिलेंगे.