बिहार

bihar

अख्तरुल ईमान का आरोप- उर्दू का गला घोंट रही है बिहार सरकार, नहीं हो रही टीचर और ट्रांसलेटर की नियुक्ति

By

Published : Jun 24, 2022, 9:51 AM IST

अख्तरुल ईमान, एआईएमआईएम विधायक
अख्तरुल ईमान, एआईएमआईएम विधायक ()

एआईएमआईएम विधायक अख्तरुल ईमान (MLA Akhtarul Iman) ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद को उर्दू भाषी लोगों से प्रेम की बात कहते हैं और उस भाषा के शिक्षक को ही बहाल नहीं कर उनके साथ अन्याय कर रहे हैं.

पटनाःएआईएमआईएम विधायक और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने बिहार में उर्दू भाषा (Urdu Language In Bihar) को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि बिहार में उर्दू को दूसरी भाषा का दर्जा दिया गया है लेकिन सरकार उर्दू भाषा का गला घोंट रही है. विधायक ने कहा कि अभी तक 80000 से ज्यादा उर्दू शिक्षक के पद खाली हैं. इसके बावजूद नीतीश सरकार उर्दू टीचर (Urdu Teachers Not Recruiting In Bihar) बहाल नहीं कर रही है, ये उर्दू पढ़ने वाले बच्चों के साथ नाइंसाफी है.

ये भी पढ़ेंःरोहिंग्या-बांग्लादेशी को लेकर के घमासान पर बोले अख्तरुल इमान- BJP जातीय जनगणना से घबरा रही है

2013 में ली गयी थी उर्दू टीईटी की परीक्षाःपटना में पार्टी की और से आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में उर्दू टीईटी की परीक्षा ली गयी थी, उसमें 12 हजार बच्चों को पास करने के बाद फेल कर दिया गया. कोर्ट ने हिदायत भी दी कि उर्दू के शिक्षकों की बहुत सारी जगह खाली है, इनको बहाल किया जाए. लेकिन आज तक उर्दू टीईटी शिक्षक की बहाली नहीं की गई. इसके अलावा उर्दू अनुवादक की भी बहाली नहीं की गई है. एक बार बहाली निकाली गई थी और अभी तक कई ऐसे उर्दू अनुवादक हैं, जिन्हें बहाल नहीं किया गया है. जाहिर है यह सरकार उर्दू भाषा के साथ अन्याय कर रही है.

"हम लोग लगातार सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि जब बिहार में उर्दू दूसरी भाषा है, तो वह शिक्षक की बहाली क्यों नहीं हो रही है. उर्दू ट्रांसलेटर नियुक्त नहीं किए जा रहे हैं. हाई स्कूल में जो शिक्षक बहाली होनी है, उसमें उर्दू शिक्षक की नियुक्ति को लेकर नियम ही बदल दिए गए हैं, जो कि गलत है. हम इसको लेकर सदन में भी सवाल उठाएंगे और लोगों को बताएंगे कि किस तरह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद को उर्दू भाषी लोगों से प्रेम की बात कहते हैं और उस भाषा के शिक्षक को बहाल नहीं कर अन्याय कर रहे हैं"- अख्तरुल ईमान, प्रदेश अध्यक्ष, एआईएमआईएम

उर्दू और अग्निपथ के लेकर सदन में उठाएंगे आवाजः एआईएमआईएम विधायक ने ये भी कहा कि हिंदी और उर्दू में ज्यादा अंतर नहीं है. बिहार में 2 करोड़ आबादी का ताल्लुक उर्दू से है. पिछले कुछ समय से उर्दू का गला दबाया जा रहा है. उर्दू की तालीम बर्बाद की जा रही है. बिहार में उर्दू के पढ़ने लिखने का मामला खत्म किया जा रहा है, क्योंकि बिहार में उर्दू के शिक्षकों कि बहाली ही नहीं हो रही है. इस मामले को सदन में उठाया जाएगा, साथ ही अग्निपथ योजना को लेकर भी हम लोग सदन में आवाज उठाएंगे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details