बिहार

bihar

Jamui Sadar Hospital: बिजली गायब होने पर टॉर्च की रोशनी में होता है इलाज

By

Published : Mar 10, 2023, 10:59 PM IST

बिहार के जमुई सदर अस्पताल में बत्ती गुल, इलाज चालू वाला हाल हो गया है. बिजली नहीं रहती है तो डॉक्टर टॉर्च की रोशनी पर मरीज का इलाज करते हैं. 15 घंटे से मरीज को बीपी मशीन और पल्स ऑक्सीमीटर तक नसीब नहीं हुआ, क्योंकि मशीन खराब है. यह है सदर अस्पताल का हाल. देखें वीडियो...

Etv Bharat
Etv Bharat

जमुईः बिहार के जमुई सदर अस्पताल (Sadar Hospital Jamui) का हाल बेहाल है. यहां कभी अस्पताल से बिजली गुल हो जाती है तो कभी बीपी जांच करने वाली मशीन खराब हो जाती है, जिस कारण आए दिन मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ताजा मामला शुक्रवार का है, जहां अस्पताल मे इमरजेंसी में आए एक मरीज को 15 घंटे तक बीपी मशीन और पल्स ऑक्सीमीटर तक नसीब नहीं हो पाया. वहीं काफी समय तक अस्पताल परिसर रे बिजली गायब रही. लेकिन इलाज किसी तरह टॉर्च के सहारे जारी रहा.

यह भी पढ़ेंःH3N2 Influenza Virus : कितना खतरनाक है H3N2 वायरस, क्या हैं लक्षण, ऐसे कर सकते हैं बचाव

बीपी नापने की मशीन खराबःबात अजीब है, परंतु जमुई सदर अस्पताल का यह सच है. 11 फरवरी को मुख्यमंत्री की समाधान यात्रा के दौरान नीतीश कुमार के साथ स्वास्थ विभाग के प्रधान सचिव भी आए थे. उन्होंने जमुई अस्पताल जाकर वहां के हालात का जायजा भी लिया था. जब सिविल सर्जन से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया. एसीएमओ डॉ नौशाद ने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं दी गई है कि जमुई अस्पताल में बीपी नापने की मशीन और पल्स ऑक्सीमीटर नहीं है.

बिना प्राथमिक सीधा रेफरः दरअसल, जमुई के नूमरगांव का एक युवक को सिर में चोट लगने के कारण घायल हो गया था. जिसे जमुई सदर अस्पताल के इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था. लेकिन अस्पताल में संवेदनशील अवसर पर इलाज की कोई व्यवस्था नहीं थी. नौडीहा गांव से आर्केस्ट्रा के दौरान गोली लगने के बाद एक मरीज भी पहुंचा, जिसे प्राथमिक उपचार के बदले सीधे रेफर कर दिया गया. अस्पताल की यह व्यवस्था है कि रह रहकर बिजली गायब हो जा रही है. डॉक्टर को टॉर्च की रोशनी में इलाज करना होता है.

माफिया और दलालों का जमावड़ाः कुछ डॉक्टरों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि इन दिनों जमुई अस्पताल के आसपास माफिया और दलालों का पूरा जमावड़ा लगाता है. ड्यूटी करने वाले अच्छे डॉक्टरों को भी इनसे परेशानी झेलनी पड़ रही है. इमरजेंसी में लगा मॉनिटर खराब है. विशेष चिकित्सा व्यवस्था और डॉक्टरों का इंतजाम करना चाहिए, वहां ड्यूटी पर रात में एकमात्र डॉ मृत्युंजय कुमार उपलब्ध थे.

"बरहट से इलाज कराने आए हैं. अस्पताल में एक भी डॉक्टर नहीं है. दो घंटे हो गया अभी तक इलाज नहीं किया गया तो मरीज को लेकर दूसरा अस्पताल जा रहे हैं. फोन करने पर डॉक्टर बोलता है कि आ रहे हैं, लेकिन अब तक नहीं आया है." -रौशन कुमार, मरीज के परिजन

ABOUT THE AUTHOR

...view details