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जमुई: शराबबंदी कानून की उड़ी धज्जियां, सर्किट हाउस परिसर से शराब की खाली बोतलें बरामद

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Published : Dec 14, 2021, 12:50 PM IST

जमुई के परिसदन परिसर में शराब की महंगी ब्रांड की 100 से ज्यादा खाली बोतलें मिलने का मामला सामने आया है. (Liquor Ban In Bihar) शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद जिला परिसदन से खाली बोतलों की बरामदगी ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. पढ़िए पूरी खबर...

सर्किट हाउस परिसर में शराब की खाली बोतलें
सर्किट हाउस परिसर में शराब की खाली बोतलें

जमुई:बिहार केजमुई जिला परिसदन परिसर से 100 से ( Empty Liquor Bottles Recovered ) ज्यादा खाली शराब की बोतलें बरामद की गई है. खाली शराब की बोतलें महंगे ब्रांड की है. इस ब्रांड की शराब सिर्फ बड़े शहरों में ही उपलब्ध होती है. जानकार बताते हैं कि आसपास के झारखंड के शहरों में भी यह शराब उपलब्ध नहीं है. बहरहाल परिसदन परिसर से बड़ी संख्या में खाली शराब की बोतलों का मिलना सूबे में ( Liquor Ban In Bihar) शराबबंदी कानून पर बड़ा सवाल खड़ा करता है.

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बिहार विधानसभा में शराब की खाली बोतलें मिलने की घटना की जांच अभी पूरी भी नहीं हुई थी कि, जमुई सर्किट हाउस से शराब की खाली बोतलें बरामद होने की बड़ी खबर मिली है. यहां सर्किट हाउस परिसर से शराब की 100 से ज्यादा खाली बोतलें मिली है. बरामद शराब की खाली बोतलें 60 एमएल की है.

जमुई के सर्किट हाउस परिसर से शराब की खाली बोतलें बरामद



मामले की जानकारी मिलते ही उत्पाद विभाग एवं पुलिस की टीम खाली बोतलें जब्त कर छानबीन में जुट गई है. फिलहाल पुलिस एवं उत्पाद विभाग के अधिकारी मामले में कुछ भी बताने से परहेज कर रहे हैं. वहीं, जिला पदाधिकारी अवनीश कुमार सिंह ने मामले की जांच कराने की बात कही है.वहीं, जानकारी के अनुसार घटना के दौरान मंत्री सुमित कुमार सिंह सर्किट हाउस में ठहरने पहुंचे थे. लेकिन वहां का नजारा देख वह भी दंग रह गए और वहां से नाराज होकर गांव के लिए निकल पड़े.

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दरअसल, जमुई परिसदन में बिना एंट्री के कई लोगों को ठहरने की सूचना मिलती है. ऐसे में सवाल यह भी है कि आखिर जिला प्रशासन की अनुमति से कमरा आवंटित होने वाले सर्किट हाउस में कैसे लोगों को ठहरने की छूट किन परिस्थितियों में दी जाती है.

वहीं, सर्किट हाउस में कमरा विधायक, मंत्री के अलावा अधिकारियों को आवंटित किया जाता है. ऐसे में यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या विधायक, मंत्री और अधिकारी ही यहां जाम छलका रहे थे, जिनके डर से सर्किट हाउस का स्टाफ मुंह नहीं खोल पा रहे हैं. फिलहाल जांच पूरी होने से पहले किसी भी परिणाम तक पहुंचना जल्दबाजी होगा. चर्चा तो यह भी है कि तारापुर उपचुनाव के दौरान भी यहां हर शाम जाम छलकता था.

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