बिहार

bihar

Gaya News: श्याम रजक ने किया नारायण बलि पिंडदान, 3 दिनों तक चलेगा कर्मकांड

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 2, 2023, 5:24 PM IST

बिहार के गया में पूर्व मंत्री श्याम रजक पितरों के नारायण बलि पिंडदान कर रहे हैं. 3 दिन रहकर 45 वेदियों पर पिंडदान करेंगे. विष्णुपद के समीप गजाधर घाट पर तीर्थ पुरोहित मुन्ना लाल पाठक पिंडदान करा रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

गया में पिंडदान
गया में पिंडदान

गया में पिंडदान

गयाःबिहार के गया में पूर्व मंत्री व राजद नेता श्याम रजक ने अपने पितृों का पिंडदान किया. पितरों के मोक्ष की कामना के लिए पिंडदान करने पहुंचे पूर्व मंत्री श्याम रजक के साथ उनकी पत्नी, भाई समेत अन्य परिजन गया पहुंचे. तीन दिनों तक गया में रहेंगे और 45 विभिन्न वेदियों पर जाकर पिंडदान करेंगे.

यह भी पढ़ेंःGaya News: विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला 28 सितंबर से शुरू, 14 अक्टूबर तक चलेगा

पुरोहित मुन्ना लाल पाठक ने कराया कर्मकांडः शनिवार को गया में पिंडदान शुरू हो गया. पूर्व मंत्री श्याम रजक ने भी पिंडदान किया. वह परिवार के कई सदस्यों के साथ तीन दिनों तक गया में रहेंगे. इस दौरान अलग-अलग वेदियों पर पिंडदान करेंगे. विष्णुपद के समीप गजाधर घाट पर तीर्थ पुरोहित मुन्ना लाल पाठक के द्वारा पिंडदान कराया जा रहा है.

पत्नी और भाई के साथ पहुंचे गयाः पिंडदान करा रहे पुरोहित मुन्ना लाल पाठक ने बताया कि पूर्व मंत्री श्याम रजक अपनी पत्नी और भाई के साथ गया जी में पिंडदान करने को पहुंचे हैं. यहां वे नारायण बलि श्राद्ध कर रहे हैं. पितरों के निमित्त वे यहां तीन दिन रहेंगे और 45 पिंंडवेदियों पर अलग-अलग दिनों में पिंडदान करेंगे.

"पूर्व मंत्री श्याम रजक अपनी पत्नी और भाई के साथ गया पहुंचे हैं. यहां 3 दिनों तक 45 वेदियों पर अलग अलग पिंडदान करेंगे. पूर्व मंत्री श्याम रजक नारायण बलि श्राद्ध कर रहे हैं."-मुन्नालाल पाठक, तीर्थ पुरोहित, गया

शनिवार से शुरू हुआ पिंडदान का कर्मकांडः पूर्व मंत्री श्याम रजक शुक्रवार को ही गया पहुंचे थे. शनिवार से पिंडदान का कर्मकांड शुरू हुआ. अभी तीन दिन गया में रहकर 45 वेदियों पर पिंडदान करेंगे. इसमें फल्गु नदी, विष्णुपद, प्रेतशिला समेत अन्य वेदी शामिल हैं. गौरतलब हो कि बिहार सरकार में मंत्री रहते हुए श्याम रजक कई बार विष्णुपद को आ चुके हैं.

नारायण बलि श्राद्ध क्या है?दरअसल, लापता व्यक्ति को मृत मानकर उसका अंतिम संस्कार किया जाता है. कुश और घास का प्रतीकात्मक शव बनाकर उसी तरह दाह संस्कार किया जाता है, जिसे किसी की मौत होने पर किया जाता है. इसके बाद बाल मुंडवाना सहित तेरहवी तक कर्मकांड किया जाता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details