दरभंगा:जिले के कुशेश्वर स्थान प्रखंड के केवटगामा पंचायत अंतर्गत दिघियापार गांव में दर्जनों परिवार डायरिया बीमारी की चपेट में आ गया हैं. जिनका इलाज कुशेश्वर स्थान स्थित प्राथमिक स्वास्थ केंद्र में चल रहा है. इसकी सुचना मिलते ही पीएचसी प्रभारी डॉ. भगवान दास ने गांव में कैंप लगवाया. जहां डॉक्टरों की टीम मिलकर लोगों का जांच कर रही है. वहीं, गंभीर रूप से बीमार मरीजों को पीएचसी में रेफर कर दिया जा रहा है.
गंदगी से फैलता है डायरिया
गांव में बाढ़ का पानी जमा होने के साथ साफ-सफाई न होने से गंदगी फैली हुई है. जिसके कारण महामारी की नौबत आ गई है. ग्रामीण शभु कुमार ने कहा कि इसी गांव में 1997-98 में कालाजार से करीब 85 लोगो की मौत हो गई थी. जिसके बाद अब फिर से उनके गांव में डायरिया का कहर फैल गया है. उन्होंने बताया कि गांव में करीब 20 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं.
मरीजों में डिहाइड्रेशन के लक्षण नहीं
पीएचसी प्रभारी डॉ. भगवान दास का कहना है कि साफ-सफाई की कमी के कारण इस तरह का बीमारी फैलती है. यहां करीब 10 मरीज पहुंचे हैं. जिनका इलाज किया गया है और पाया गया कि वे ठीक है. साथ ही मरीजों में डिहाइड्रेशन के लक्षण भी नहीं नजर आए है अभी तक. उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि खाने को ढक कर रखें और ताजा खाना खाएं. साथ ही चापाकल के पानी में हैलोजन की टिकिया डालकर पानी पिए.
Body:दरअसल बाढ़ की पानी जमा रहने के कारण गंदगी फैल गई है साथ ही साफ सफाई नही रहने के कारण वेक्टेरिया फैलने से यह महामारी फैल गई है। वही स्थानीय लोग शभु कुमार ने बताया की इसी गांव में 1997 - 98 में कालाजार से करीब 85 लोगो की मौत हो गई थी। जिसके बाद आज फिर से हमारे गांव डायरिया का कहर फ़ैल गया है। अभी तक हमारे गांव में 20 लोग इसकी चपेट में आ चुके है। वही डॉक्टरों की माने तो साफ सफाई की कमी के कारण इस तरह का महामारी फैलता है। वैसे मरीज में डिहाइड्रेशन कम नजर आ रही है फिर भी यहां करीब 10 मरीज पहुंचे है जिसका इलाज किया गया जो अभी ठीक है ।
Conclusion:वही पीएचसी प्रभारी डॉ० भगवान दास ने कहा की डायरिया बीमारी कातिक माह में नही होती है। खासकर दीपावली छठ पूजा को लेकर लोग अपने घर के आस पास साफ सफाई करते है। इसके बावजूद भी डायरिया गंदगी के कारण हुआ है। वही उन्होंने लोगो से आगाह किया कि खाना को ढक कर रखे और ताजा खाना खाएं चापाकल का पानी पिये उसमे भी होलॉजों का टिकिया डालकर पिये जो कि कितने पानी मे डालना है वो आशा घर घर जाकर बता रही है। हैलोजन टेबलेट एवं सलाईनींग कर मरीज को रिकवरी किया जा रहा है।
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शभु कुमार, स्थानीय
डॉ० भगवान दास, प्राथमिक स्वास्थ केंद्रकुशेश्वर स्थान पूर्वी