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बक्सर में छत पर टहल रही सास-बहू पर गिरा ठनका, दोनों अस्पताल में भर्ती

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Published : Sep 21, 2022, 10:39 AM IST

ठनका की चपेट में आने से दो महिला घायल

बिहार में मौसम के बदलते मिजाज के साथ ठनका का कहर भी जारी है. इसी कड़ी में बक्सर में वज्रपात (Thunderstorm in Buxar) की चपेट में आने से सास-बहू जख्मी हो गईं. पढ़ें पूरी खबर..

बक्सर: बिहार के बक्सर में ठनकाकी चपेट में आकर सास-बहू घायल (Two Women Injured due to Lightning in Buxar) हो गई. पिछले बुधवार से ही जिले में मौसम का मिजाज बदला है. इस कारण लगातार बारिश हो रही है और इसी बीच ठनका का कहर भी जारी है. मंगलवार को देर रात छत पर टहलने के दौरान सास-बहु पर आकाशीय बिजली गिर गई. यह घटना जिले के डुमरांव अनुमंडल के नवानगर प्रखंड के अतिमी गांव की है

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ठनका गिरने से सास-बहू जख्मीःनवानगर थाना क्षेत्र के अतिमी गांव में ठनका गिरने से दो महिलाएं घायल हो गई. दोनों आपस में सास और बहू हैं. मंगलवार की देर रात दोनों महिलाएं छत पर टहल रही थी, तभी अचानक से ठनका गिर गया. ठनका गिरने से सास-बहू दोनों को झटका लगा और दोनों छत पर ही गिर कर घायल हो गई. बाद में परिजनों के द्वारा उन्हें आनन-फानन में नावानगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया, जहां फिलहाल उनका इलाज चल रहा है.


स्थानीय पीएचसी में चल रहा इलाजः घटना के संदर्भ में मिली जानकारी के अनुसार अतिमी गांव के रंगजी पासवान की बहू दूजिया देवी और उनकी बहू गुड़िया देवी छत पर टहल रही थी. इसी बीच यह हादसा हो गया. तेज ध्वनि सुनकर जब घर के लोग छत पर पहुंचे तो दोनों घायल अवस्था मे गिरी हुई थी. इसके बाद पड़ोसियों के सहयोग से उन्हें स्थानीय पीएचसी में भर्ती कराया गया. जहां उनका इलाज चल रहा है.

वज्रपात से 7 साल में सोलह सौ लोगों की मौत :बिहार में आकाशीय बिजली यानी वज्रपात से लोगों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. बिहार सरकार की ओर से वज्रपात की जानकारी के लिए पटना सहित खगड़िया, रोहतास, नवादा, पूर्वी चंपारण, दरभंगा और पूर्णिया में कुल आठ अर्थ नेटवर्क सेंसर लगाए गए हैं. इसके अलावा केंद्र सरकार की ओर से पटना, गया, दरभंगा में अलग से अर्थ नेटवर्क सेंसर लगे हुए हैं. मौसम विभाग बिहार सरकार (Meteorological Department Government of Bihar) का आपदा विभाग और सूचना जनसंपर्क विभाग के तरफ से यह लगातार दावा होता रहा है कि 3 घंटा पहले वज्रपात और मौसम की जानकारी मुहैया कराई जा रही है.

जानें... क्यों गिरती है बिजली?जब बादल में मौजूद हल्के कण ऊपर चले जाते हैं और पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं. भारी कण नीचे जमा होते हैं और निगेटिव चार्ज हो जाते हैं. जब पॉजिटिव और निगेटिव चार्ज अधिक हो जाता है, तब उस क्षेत्र में इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज होता है. अधिकतर बिजली बादल में बनती है और वहीं खत्म हो जाती है, लेकिन कई बार यह धरती पर भी गिरती है. आकाशीय बिजली इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज होती है. आकाशीय बिजली में लाखों-अरबों वोल्ट की ऊर्जा होती है. बिजली में अत्यधिक गर्मी के चलते तेज गरज होती है. बिजली आसमान से धरती पर 3 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गिरती है.

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