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जलियांवाला बाग हत्याकांड के शताब्दी वर्ष पर ABVP ने शहीदों को किया नमन

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Published : Apr 13, 2019, 7:46 PM IST

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद आरा नगर इकाई ने जलियांवाला बाग हत्याकांड के शताब्दी वर्ष पर शहीदों को श्रद्धांजली दी.

शहीदों को श्रद्धांजली

आरा:पूरा देश जलियांवाला बाग हत्याकांड के शताब्दी वर्ष पर शहीदों को नमन कर रहा है. इस क्रम में शनिवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद आरा नगर इकाई ने दीप जलाकर शहिदों को श्रद्धांजली दी.

शहादत का शताब्दी वर्ष
इस कार्यक्रम का उद्देश्य उन शहीदों को सम्मान देना था जिन्होंने देश के लिए अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया. आज का ये दिन शहादत के शताब्दी वर्ष के रूप में याद किया जाता है.

शहीदों को श्रद्धांजली

आज के दिन हुआ था खुनी खेल
सौ साल पूर्व रॉलेट एक्ट कानून के खिलाफ सरकार के विरुद्ध एक शांतिपूर्ण तरीके से बिगुल फूंकने का कार्य कर रहे थे. तभी जनरल डायर के द्वारा उन निर्दोष बच्चों, बूढ़ों, औरतों आदि के ऊपर अंधाधुंध गोलियां बरसाई गयी थी. इस घटना में हजारों लोग शहीद हुए थे.

'एक शाम शहीदों के नाम'
इसी याद में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के तरफ से 'एक शाम शहीदों के नाम' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें एबीवीपी के तमाम युवाओं कोने बढ़-चढ कर हिस्सा लिया. इस दौरान युवाओं ने कहा कि ये शहादत उन शहीदों की है जिनकी बदौलत हम आज अमन चैन की जिंदगी जी रहे हैं.

Intro:अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद आरा नगर इकाई के द्वारा जलियांवाला बाग हत्याकांड के शताब्दी वर्ष के पूर्व संध्या पर शहीदों को रमना मैदान स्थित जेपी स्मारक पर दीप जलाकर याद किया गया।


Body:दरअसल इस कार्यक्रम का उद्देश्य सिर्फ यह था कि जिन शहीदों ने अपना सबकुछ न्योछावर करके मातृभूमि की बलिवेदी पर अपने प्राण न्योछावर कर दिया,उन्ही निहत्थे और निर्दोष वीर सपूतों के शहादत की शताब्दी वर्ष है जो आज से सौ साल पूर्व रोलेट एक्ट कानून के खिलाफ सरकार के विरुद्ध एक शांतिपूर्ण तरीके से बिगुल फूँकने का कार्य कर रहे थे तब जनरल डायर के द्वारा उन निर्दोष बच्चों,बूढ़ों औरतों आदि के ऊपर अंधाधुंध गोलियां बरसाई गयी जिसमे हजारों लोग शहीद हुए।


Conclusion:आज उन्ही की याद में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के द्वारा एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम आयोजित किया गया।एवीभीपी तमाम युवाओं को एक संदेश देना चाहता है कि यह शहादत उन शहीदों की है जिनकी बदौलत हम आज अमन चैन की जिंदगी जी रहे हैं ,हमे उनके लिए त्याग और बलिदान के लिए कुछ पल निकालकर राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देना चाहिए।

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