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जन्मस्थली पर मनायी गई दिनकर की 111 वीं जयंती, साहित्यकार ने बताया राष्ट्रकवि को साहित्य का ध्रुव तारा

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Published : Sep 23, 2019, 7:15 PM IST

रामधारी सिंह दिनकर सम्मान समारोह के सचिव अग्निशेखर ने बताया कि दिनकर के सम्मान में साहित्यकारों को सम्मनित करने की परंपरा चली आ रही है. वह हिंदी साहित्य जगत के ध्रुव तारा हैं. जो सदियों तक लोगों को याद रहेंगे.

जन्मस्थली में मनायी जा रही दिनकर की 111 वीं जयंती

बेगूसराय: पूरा देश आज रामधारी सिंह दिनकर की 111 वीं जयंती मना रहा है. बेगूसराय की मिट्टी में जन्मे दिनकर आम जनमानस के कवि थे, जिनकी कविताएं लोगों के दिलों में अपना घर बना लेती हैं. प्रशासनिक महकमे से लेकर, साहित्यकार, पत्रकार और बुद्धिजीवियों के लिए यह दिन बेहद ही खास होता है.

लोग दिनकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने स्वर्ण जयंती पुस्तकालय और दिनकर भवन खीचें चले आते हैं. इस दिन डीएम, एसपी, बुद्धिजीवि और साहित्यकार भी दिनकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचते हैं.

जन्मस्थली में मनायी जा रही दिनकर की 111 वीं जयंती

साहित्यकारों को सम्मानित करने की परंपरा
रामधारी सिंह दिनकर सम्मान समारोह के सचिव अग्निशेखर ने बताया कि दिनकर के सम्मान में साहित्यकारों को सम्मनित करने की परंपरा चली आ रही है. वह हिंदी साहित्य जगत के ध्रुव तारा हैं जो सदियों तक लोगों को याद रहेंगे. उन्होंने हिंदी साहित्य में वह मुकाम हासिल किया जो अबके साहित्यकारों के लिए काफी कठिन है.

माल्यार्पण के लिए पहुंचे लोग

'दिनकर गुदड़ी के लाल'
दिनकर को अपना आदर्श मानने वाले प्रखर साहित्यकार लेखक और प्रख्यात पत्रकार अग्निशेखर ने कहा कि दिनकर के सम्मान में 1993 से ही यहां दिनकर सम्मान समारोह का आयोजन होता आया है. उन्होंने एक मजदूर से लेकर किसान तक के लिए कविता लिखी है. वह गुदड़ी के लाल थे, जिन्होंने एक बेहद सामान्य घर में जन्म होने के बादजूद इस ऊंचाई को छुआ.

Intro:बेगुसराय ही नही पूरा देश आज रामधारी सिंह दिनकर की 111 वी जयंती मना रहा है। बेगुसराय की मिटटी में जन्म लेने वाले दिनकर आम जनमानस के कवि थे , जिनकी कविताएं लोगो के दिलो में अपना घर बना लेती है । बेगुसराय के लोगो के लिए एक आज का दिन बेहद ही खास होता है । प्रसासनिक महकमा से लेकर , साहित्यकार , पत्रकार, साहित्यकार और बुद्धिजीवियों के लिए आज का दिन बड़ा ही खास होता है । सुबह होते ही लोग खुद को दिनकर को समर्पित कर देते हैं और दिनकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने स्वर्ण जयंती पुस्तकालय और दिनकर भवन खीचे चले आते है । इस मौके पर डीएम , एसपी , बुद्धिजीवि और साहित्यकार दिनकर जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुमचते है । लोगो की माने तो दिनकर आज भी लोगो के लिए प्रासंगिक है और कल भी रहेंगे ।रामधारी सिंह दिनकर सम्मान समारोह के सचिब अग्निशेखर जी का मानना है कि दिनकर के सम्मान में बेगुसराय में साहित्यकारों को सम्मनित करने की परंपरा चली आ रही है ।Body:हिंदी साहित्य जगत में दिनकर वह ध्रुव तारा है जो सदियों तक लोगों को याद आते रहे। बेगूसराय के सिमरिया में जन्म लेने लेने वाले रामधारी सिंह दिनकर बेहद ही समानन्य परिवार से आते हैं ।
जिन्होंने हिंदी साहित्य वो मुकाम हासिल की जो अब के साहित्यकारों के लिए काफी कठिन कार्य होगा । दिनकर को अपना आदर्श मानने वाले हजारों लोगों में से एक शख्स जिले के प्रखर साहित्यकार लेखक और प्रख्यात पत्रकार अग्नि शेखर जी भी शामिल है जिन्होंने दिनकर को अपने जीवन में समाहित कर लिया है । दिनकर जी के सम्मान में 1993 से ही बेगूसराय में दिनकर सम्मान समारोह का आयोजन होता आया है जिसमें अग्नि शिखरजी की भूमिका महत्वपूर्ण है । अग्नि शेखर जी ने इस संस्था के सचिव का पद बखूबी निभाया है और बिहार के चुनिंदा साहित्यकारों को सम्मान प्रदान करने का काम संस्था के माध्यम से करते रहे हैं । अभिषेक जी से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि रामधारी सिंह दिनकर जी ने एक मजदूर से लेकर किसान तृक के लिए कविता लिखा । अग्निशेखर बताते है कि दिनकर गुदरी के लाल थे जिन्होंने एक बेहद ही सम्मान्य घर मे पैदा लेकर इस ऊँचाई को छुआ ।

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