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प्रेम कुमार मणि ने RJD से इस्तीफा देकर फोड़ा लेटर बम, जानिये क्या लिखा...

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Published : Jun 1, 2022, 10:15 PM IST

आरजेडी नेता प्रेम कुमार मणि ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. इसके साथ ही उन्होंने अपने इस्तीफे को लेकर एक लंबा-चौड़ा पत्र आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (RJD supremo Lalu Prasad Yadav) के लिए लिखा जिसमें कई आरोप लगाये हैं. लालू प्रसाद यादव को आत्मविश्लेषण की जरुरत बतायी है. पढ़ें पूरी खबर.

Prem Kumar Mani
Prem Kumar Mani

पटना: प्रेम कुमार मणि ने आरजेडी की प्राथमिक सदस्यता छोड़ (Prem Kumar Mani resigns from RJD) दी है. मणि आरजेडी की पत्रिका के संपादक भी थे. आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को लिखे पत्र में प्रेम कुमार मणि ने कहा है कि आपने पिछले तीन-चार दिनों में जो किया, उससे दो साल की कार्यकर्ताओं की मेहनत बर्बाद हो गई है. मणि का इशारा विधान परिषद की तीन सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की ओर था. पूर्व एमएलसी मणि 31 मई को राबड़ी देवी के आवास पर हुई बैठक में शामिल नहीं हुए थे.

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माफिया पार्टी बना दी: मणि ने पत्र में लिखा है कि 2024-25 के लिए आपने भाजपा की राजनीतिक स्थिति बिहार में पुख्ता कर दी है. मेरे अनुरोध पर आप तेजस्वी या किसी अन्य योग्य के लिए जगह छोड़िएगा नहीं लेकिन मैं तो इस पार्टी से मुक्त हो ही सकता हूं. इस पत्र के साथ मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता का परित्याग करता हूं. माफिया तत्वों से लड़ना सांप्रदायिक तत्वों से लड़ने से अधिक चुनौतीपूर्ण है. आपने इस पार्टी को माफिया पार्टी बना दिया है.

आत्मविश्लेषण की जरूरत:मणि ने लिखा है कि 2015 में प्रान्तीय स्तर पर राजनीतिक स्थितियां बदलीं. भाजपा को बिहार से करारा जवाब मिला. राजद सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी और महागठबंधन की सरकार बनी. इसमें आपकी कोई विशिष्ट भूमिका नहीं थी. यह बिहार की सेकुलर समाजवादी जनता की जीत थी. फिर से हुए दलित-बहुजन एकता की जीत थी. आपने सरकार बनने के साथ ही अड़ंगा लगाया. अपने दोनों बेटों को सरकार में शामिल करवा कर पूरे राजनीतिक आवेग की एकबारगी हवा निकाल दी.

जेल में बैठकर टिकटों का मोलभाव: मणि ने अपने पत्र में लिखा है कि लालू प्रसाद आप जेल गए, बीमार पड़े. पार्टी कमजोर होती गई. 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को एक सीट भी नहीं मिली. मेरे जैसे लोग भाजपा के इस विस्तार से चिंतित थे. इसलिए 2020 में महामारी व्याधि के बीच जब बिहार विधानसभा का चुनाव हुआ और तेजस्वी जी ने मुझसे बात की और सहयोग की अपेक्षा की. मैंने पूरी शक्ति के साथ सहयोग दिया. आप जेल में बैठे-बैठे टिकटों का मोलभाव कर रहे थे.

लालूजी, बिहार की जनता मूर्ख नहीं: पिछले द्विवार्षिक चुनाव में एक मेडिकल कॉलेज के मालिक और एक अन्य धनपशु को आपने राज्यसभा भेजा. मेडिकल कॉलेज का मालिक अल्पसंख्यक है. जिस क्षेत्र से आता है वहां इसकी तीखी प्रतिक्रिया हुई और सभी मुस्लिम बहुल क्षेत्रों से हम हारे और ओवैसी की पार्टी जीती. इस बार भी एक मेडिकल कॉलेज का मालिक गया है. पत्र में प्रेम कुमार मणि ने लिखा है कि लालूजी, बिहार की जनता मूर्ख नहीं है.

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