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बिहार में DEO के आदेश के बाद शिक्षा मंत्री की दो टूक- 'शिक्षकों के लिए कोई ड्रेस कोड नहीं'

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Published : Jul 16, 2022, 5:32 PM IST

बिहार में शिक्षकों के ड्रेस कोड पर इतना विवाद (Dress Code Dispute in Bihar) बढ़ा कि शिक्षा मंत्री को देना पड़ा जवाब. वैशाली में पठन-पाठन के दौरान शिक्षकों के कुर्ता-पायजामा, जींस-टी शर्ट पहने का आदेश लिया गया वापस. जानें बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Education Minister of Bihar) ने क्या कहा.

बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी
बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी

पटना:बिहार के वैशाली जिले में जिला शिक्षा अधीक्षक (Vaishali DEO Order) के शिक्षकों के लिए जारी ड्रेस कोडको लेकर अब विवाद हो गया है. बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Bihar Education Minister Vijay Kumar Chaudhary) को अब इस मामले में सामने आना पड़ा. उन्होंने कहा कि बिहार में शिक्षकों के लिए कोई ड्रेस कोड नहीं (No dress code Teachers in Bihar) है. शिक्षा विभाग ने वैशाली के जिला शिक्षा अधीक्षक से इस मामले में जवाब भी तलब किया है.

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'बिहार में शिक्षकों के लिए कोई ड्रेस कोड नहीं' : बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सरकार की ओर से शिक्षकों के लिए कोई ड्रेस कोड लागू नहीं किया गया है. शिक्षा मंत्री ने हालांकि इतना जरूर कहा कि इस मामले में शिक्षकों को खुद स्वविवेक से निर्णय लेना चाहिए. उन्होंने साफ कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि बच्चे शिक्षकों का ही अनुसरण करते हैं. शिक्षकों को ही समझना होगा कि इसका बच्चों पर क्या असर होगा.

क्या था वैशाली DEO का आदेश ? :बता दें कि वैशाली के जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) वीरेंद्र नारायण ने आदेश जारी कर शिक्षकों को फार्मल पैंट एवं फुल या हाफ शर्ट में ही स्कूल में शिक्षण कार्य करने का निर्देश दिया था. डीईओ ने जिले के सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी तथा प्रारंभिक एवं माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को जारी आदेश में लिखा है कि आए दिन इंटरनेट मीडिया में विद्यालयों में पठन-पाठन की अवधि में शिक्षकों के कुर्ता-पायजामा, जींस-टी शर्ट पहन कर कक्षा संचालन करने से शिक्षकों की नकारात्मक छवि प्रदर्शित हो रही है.

पत्र में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने आगे लिखा है कि समाज निर्माण एवं छात्र-छात्राओं के चरित्र निर्माण में शिक्षकों की अहम भूमिका होती है. शिक्षक न सिर्फ विद्यालय में बल्कि विद्यालय अवधि के बाद भी छात्र-छात्राओं के मार्गदर्शक की भूमिका में होते हैं. पत्र में कहा गया है कि विद्यालय अवधि में फार्मल पैंट, फुल या हाफ शर्ट में ही विद्यालय में पठन-पाठन का कार्य करें, जिससे उनकी सौम्यता एवं शिष्टता बच्चों के लिए भी अनुकरणीय बन सके.

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