पटना: बिहार सरकार के स्कूलों में शिक्षकों की कमी (Shortage of Teachers In Bihar Government schools) से कई जगहों पर पठन-पाठन पर असर पड़ रहा है. वहीं राज्य सरकार की ओर से कभी चुनाव, तो कभी किसी अन्य कारणों से शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया रोक दी जाती है. शिक्षक नियोजन की आस देख रहे उम्मीदवारों ने सातवें चरण की शिक्षक नियोजन प्रक्रिया जल्द पूरी करने की मांग (Demand For 7th Phase Teachers Recruitment In Bihar) की है. शिक्षक अभ्यार्थियों का कहना है कि उन्हें बताया गया था कि बिहार विधान परिषद चुनाव (Bihar Legislative Council Election) के कारण सातवें चरण का शिक्षक नियोजन रोक दिया गया है. लेकिन अब चुनाव समाप्त है, सरकार जल्द से जल्द शिक्षक बहाली की प्रक्रिया शुरू करे.
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बिहार में 12 वीं तक 2.50 लाख शिक्षकों के पद खालीःबीते कई सालों में राज्य में बड़ी संख्या में शिक्षक रिटायर्ड हुए हैं. कई नये स्कूल खोले गये. कई स्कूलों को प्रोन्नत कर प्राइमरी से मीडिल, मीडिल से हाईस्कूल, हाईस्कूल से इंटर स्तर में प्रोन्नत किया गया है. इन कारणों से बड़ी संख्या में स्कूलों में शिक्षकों की कमी है. बिहार प्रारंभिक शिक्षक नियोजन संघ के अध्यक्ष सौरव कुमार ने बताया कि अभी भी बिहार में कक्षा 1 से 12वीं तक स्कूलों के लिए ढाई लाख शिक्षकों की कमी है. अभी तक सरकार की ओर से हाल के चरणों में 43 हजार के करीब शिक्षकों का ही नियोजन किया जा चुका है.
जल्द सातवें चरण के शिक्षक नियोजन प्रक्रिया शुरू करने की मांगःसौरव कुमार ने बताया कि बिहार में छठे चरण की शिक्षक बहाली की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. शिक्षा विभाग ने काउंसलिंग प्रक्रिया के साथ ही घोषणा कर दिया था कि इसके बाद छठे चरण का नियोजन पूरा माना जाएगा. सौरव कुमार ने आगे बताया कि सरकार खुद इस बात को मान रही है कि छठे चरण का नियोजन पूरा हो गया है तो उसे अब सातवें चरण की शिक्षक नियोजन प्रक्रिया को जल्द शुरू करनी चाहिए.
सातवें चरण के लिए सोशल मीडिया पर अभियान चलाने की तैयारीःवहीं बिहार प्रारंभिक शिक्षक नियोजन संघ (महिला) अध्यक्ष विनीता ने बताया कि शिक्षा विभाग हर रोज नये बहाने बना रहा है. हमारी मांग है कि सरकार ऑनलाइन और सेंट्रलाइज बहाली की प्रक्रिया रखे और मार्च 2022 तक की रिक्तियों को जोड़ते हुए और छठे चरण की रिक्तों को सामान्य कोटे की सीटों को जेनरल करते हुए बहाली प्रक्रिया को अविलंब शुरू किया जाय. विनीता ने आगे बताया कि इसके लिए जल्द ही सोशल मीडिया पर भी अभियान चलाया जायेगा.
कई जगहों पर सफल अभ्यर्थियों को अभी भी नियुक्ति पत्र का इंतजारःबिहार प्रारंभिक शिक्षक नियोजन संघ के प्रदेश अध्यक्ष सौरव कुमार ने आगे बताया कि 2021 के जुलाई माह से शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया को शुरू किया था. इसके बाद 2021 के अगस्त माह में दूसरे चरण तथा इस साल जनवरी माह में तीसरे चरण की नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा किया. इसी के साथ ही फरवरी 2022 से ही नियुक्ति पत्र भी दिया गया. इसके अलावा वैसे नियोजन इकाई जहां पर एक बार भी काउंसलिंग नहीं हो पाई थी, वहां विशेष चरण की काउंसिलिंग करावायी गई, इसके बाद भी सफल अभ्यर्थियों को अभी भी नियुक्ति पत्र का इंतजार है.
रिक्तियों की फिर से गणना होः बिहार प्रदेश टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा कि सातवें चरण की बहाली से पहले 31 मार्च 2022 तक की सभी रिक्तियों की जोड़कर नई रिक्तियों को जाड़ी किया जाना चाहिए. एनसीटीई के प्रावधानों के तहत सभी मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति विषयवार किए जाने का प्रावधान है लेकिन बिहार के ज्यादातर विद्यालयों में कक्षा छह से आठ के लिए विषयवार शिक्षकों की बहाली नहीं की गई है. सातवें चरण की बहाली शुरू होने से पहले सभी मध्य विद्यालयों से रिपोर्ट मंगायी जानी चाहिए ताकि यह सामने आ सके कि उनके यहां विषयवार शिक्षकों की संख्या कितनी है, उसके आधार पर सातवें चरण का नियोजन किया जाय.
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