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मंदिर, धार्मिक न्यास बोर्ड की जमीन कब्जा करने वालों पर हो रही कार्रवाई : प्रमोद कुमार

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Published : May 20, 2022, 2:14 PM IST

बिहार के कानून मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि सभी जिलाधिकारी अपने जिले में सरकारी सम्पत्ति को चिन्हित कर रहे हैं और अतिक्रमण वाली जगहों को खाली कराया जा रहा है. एक आंकड़ें के अनुसार राज्य में 1283 निबंधित और 1509 गैर पंजीकृत मंदिर हैं. राज्य में मठ, मंदिरों के पास निबंधित और अनिबंधित 30 हजार एकड़ जमीन है.

Pramod Kumar
Pramod Kumar

पटना:बिहार के विधि न्याय एवं गन्ना उद्योग मंत्री प्रमोद कुमार (Minister Pramod Kumar) ने गुरुवार को कहा कि राज्य में जो भी मंदिर और धार्मिक न्यास बोर्ड की जमीन को कब्जा कर रहे हैं उस पर कार्रवाई की जा रही (Action against land grabber of temple and religious trust) है. उन्होंने बीजेपी कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि मंदिरों की जमीन को चिन्हित करने को लेकर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आ चुका है, जो भी सरकारी सम्पत्ति है उसे चिन्हित किया जा रहा है.

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न्यास बोर्ड कराएगा अतिक्रमणमुक्त : बिहार के कानून मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि सभी जिलाधिकारी अपने जिले में सरकारी सम्पत्ति को चिन्हित कर रहे हैं और अतिक्रमण वाली जगहों को खाली कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जो भी मंदिर व धार्मिक न्यास बोर्ड के जमीन को कब्जा कर रहे हैं उस पर कार्रवाई की जा रही है. बता दें कि बिहार में 28 हजार एकड़ जमीन धार्मिक न्यास परिषद की है. सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी की नापी कराकर इसकी प्लानिंग कराई जाएगी.

30 हजार एकड़ जमीन का असली मालिक कौन? :वहीं दूसरी तरफ, एक आंकड़ें के अनुसार राज्य में 1283 निबंधित और 1509 गैर पंजीकृत मंदिर हैं. राज्य में मठ, मंदिरों के पास निबंधित और अनिबंधित 30 हजार एकड़ जमीन है, इसमें दरभंगा प्रमंडल में 5533 एकड़, मुंगेर में 3373 एकड़ व तिरहुत प्रमंडल में 5800 एकड़ जमीन है. इनमें अधिकांश जमीनों पर स्थानीय लोगों का कब्जा है.

ज्ञानवापी पर बिहार के कानून मंत्री बोले :मंत्री प्रमोद कुमार ने पत्रकारों द्वारा ज्ञानवापी के मामले में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि उच्च न्यायालय का मामला है. देश संविधान के आधार पर चलता है, जाति के आधार पर नहीं? जिस संविधान पर देश चल रहा है उससे खतरा बताने वाले लोगों की जनता नोटिस नहीं लेती. उन्होंने कहा कि पहले और आज के अपराध में अंतर है. पहले अपराधी को संरक्षण प्राप्त था, उनकी गिरफ्तारी नहीं होती थी. बिहार सरकार ने अपराधियों का डाटा तैयार किया है और अब अपराधी पकड़े जा रहे हैं.

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