मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के चर्चित पांच वर्षीय बच्ची खुशी अपहरण कांड (Khusi Kidnaping Case) मामले में नया मोड़ आया है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Right Commission) ने मामले को संज्ञान में लिया है. मुजफ्फरपुर एसएसपी से चार सप्ताह में जवाब मांगा है.
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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बकायदा इसके लिए एसएसपी मुजफ्फरपुर के नाम से एक नोटिस जारी किया है. मालूम हो कि ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र के लक्ष्मी चौक पमरिया टोला निवासी राजन साह की पांच वर्षीय पुत्री का अपहरण 16 फरवरी 2021 को कर लिया गया था. जिसके सम्बन्ध में परिवादी राजन साह द्वारा ब्रह्मपुरा थाना में कांड संख्या- 58/21 दर्ज करवाया गया. लेकिन आजतक बच्ची की बरामदगी नहीं हो सकी है.
इसके बाद परिवादी राजन साह ने मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा के माध्यम से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (नई दिल्ली) में एक याचिका दाखिल की थी. शिकायत मिलने के बाद आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी मुजफ्फरपुर को एक नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही चार सप्ताह में जवाब भी मांगा है.
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मामले के सम्बन्ध में मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा ने बताया कि यह एक अतिगंभीर कोटि का मामला है. मामले के इतने दिन गुजर जाने के बाद भी पुलिस के द्वारा लड़की की सकुशल बरामदगी नहीं किया जाना पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा करता है. गौरतलब है कि इस मामले को लेकर खुशी की मां पटना में सीएम जनता दरबार में भी अपनी बच्ची की बरामदगी को लेकर शिकायत कर चुकी है. लेकिन अभी तक नतीजा सिफर रहा है. राजन साह सब्जी बेचते हैं और इनके चार बच्चे हैं. तीन बेटे और एक बेटी है, जिसका अपहरण हो गया है. राजन साह का कहना है कि पुलिस प्रशासन उसे ढूंढने के लिए ठोस कदम नहीं उठा रही है.