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आस्था और विश्वास का प्रतीक चड़क पूजा, भोक्ता भक्तों शरीर में लोहे की कील चुभो कर भगवान भोलेनाथ की करते हैं भक्ति - Chadak Puja

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 16, 2024, 9:20 PM IST

धनबाद: कोयलांचल के विभिन्न क्षेत्रों में आस्था और विश्वास का प्रतीक चड़क पूजा का आयोजन किया जा रहा है. बगदाहा हरि मंदिर प्रांगण में धूमधाम से चड़क पूजा मेला का आयोजन किया गया है. स्थानीय लोगों के मुताबिक चड़क पूजा भक्तों के द्वारा आस्था और विश्वास का प्रतीक होता है. यहां भगवान शिवजी से जो मनोकामना की जाती है, उसे भगवान पूरा करते हैं. भक्तों द्वारा तालाब में जिस खंभे को डूबा कर रखा जाता है उसे निकालकर हरि मंदिर प्रांगण में लाया जाता है और पूजा अर्चना की जाती है. यहां भक्त भगवान से अपने शरीर को स्वस्थ रखने रखने की प्रार्थना करते हैं. भोक्ता दीर्घायु की कामना कर भगवान भोलेनाथ के लिए निर्जला उपवास रखते हैं. पारण के साथ भक्त अपने शरीर में कील चुभा कर खंभे के सहारे घूमते हैं, उसी वक्त उनकी पत्नियां खंबे के नीचे सिर पर लोटा में जल लेकर खड़ी रहती हैं और अपने पति के लिए लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं. आयोजकों का कहना है कि 18वीं सदी से यह परंपरा चली आ रही है. इसे लेकर सभी ग्रामीणों में विशेष आस्था है. इस दिन का सभी लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं. मेला में सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन करते हैं.

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