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वसंत ऋतु आते ही सिंदूरी हुआ जामताड़ा, पलाश के फूलों से चारों ओर फैली खूबसूरती, आदिवासी समाज में है इसका विशेष महत्व - Importance of Palash flower

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 23, 2024, 9:45 AM IST

Importance of Palash flower. जामताड़ा समेत पूरे संथाल परगना में पलाश का फूल अपनी खुशबू और खूबसूरती बिखेर रहा है. पलाश का फूल झारखंड की संस्कृति से जुड़ा है. आदिवासी समाज में इसका विशेष महत्व है. आदिवासी समाज में इसका उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों एवं विवाह समारोहों में किया जाता है.

Importance of Palash flower
Importance of Palash flower

वसंत ऋतु आते ही सिंदूरी हुआ जामताड़ा

जामताड़ा : पूरा संथाल परगना इन दिनों पलाश के फूलों से गुलजार है. पलाश के फूल अपनी खुशबू और खूबसूरती से प्रकृति की शोभा बढ़ा रहे हैं. पलाश का फूल न केवल पर्यावरण को सुरक्षा प्रदान करता है बल्कि आदिवासी संस्कृति के साथ धार्मिक अनुष्ठानों में भी इसका विशेष महत्व है. यह झारखंड के आदिवासी समाज और संस्कृति से जुड़ा हुआ है. आदिवासी समाज में पलाश के फूल का उपयोग उनके पारंपरिक रीति-रिवाजों और विवाह समारोहों में किया जाता है.

पलाश के फूलों के रंग से खेली जाती है होली

आदिवासी समुदाय जहां अपने विभिन्न विवाह समारोहों और धार्मिक अनुष्ठानों में पलाश के फूलों का उपयोग करते हैं, वहीं वे इसके फूलों से रंग भी बनाते हैं और रंगाई का काम भी करते हैं. यहां तक कि बाहा पर्व के दौरान भी, वे फूलों को रात भर पानी में डुबो कर रखते हैं. फिर सुबह में इसी पानी से होली खेली जाती है. आदिवासी समुदाय की महिलाएं पलाश के फूलों से श्रृंगार करती हैं. हालांकि, ऐसा कहा जाता है कि जबतक जाहेर थान में पूजा नहीं कर ली जाती, तब तक आदिवासी समुदाय की महिलाएं पलाश के फूलों से श्रृंगार नहीं करतीं.

पलाश से रोजगार

परंपरा के साथ ही पलाश का लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने में भी काफी योगदान है. पलाश के पत्तों से दोना बनाया जाता है. इसके फूलों से रंगहीन गुलाल भी तैयार किया जाता है. ये अबीर-गुलाल होली में खूब प्रयोग किए जाते हैं. इसकी पत्तियों, फूलों, जड़ों और लकड़ी के कई उपयोग भी ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं.

पलाश के फूल का महत्व

जानकार लोग कहते हैं कि पलाश के फूलों के बीज और जड़ वाले पौधे का उपयोग कई प्रकार की आयुर्वेदिक दवाओं में रोगों के इलाज के लिए किया जाता है. इसके कई फायदे या गुण हैं. आयुर्वेद में इसकी जड़, पत्तियों और बीजों से कई औषधियों का उपयोग विभिन्न रोगों के इलाज के लिए किया जाता है. धार्मिक ग्रंथों में भी इसके गुणों का खूब जिक्र किया गया है.

क्या कहते हैं आदिवासी समाज के लोग?

पलाश के फूल को आदिवासी समुदाय के लोग अपने समाज और संस्कृति में काफी महत्व देते हैं. आदिवासी समाज के बुद्धिजीवी और साहित्यकार सुनील बास्की कहते हैं कि पलाश का फूल झारखंड की संस्कृति और आदिवासी समाज से जुड़ा हुआ है. पलाश के फूलों का उपयोग रंगों और विभिन्न विवाह समारोहों में किया जाता है. इससे पर्यावरण की भी रक्षा होती है.

वसंत ऋतु के आगमन के साथ ही पलाश के पेड़ पर फूल खिलने लगते हैं. पलाश के फूलों को कई नामों से भी पुकारा जाता है. पलाश के फूल दो प्रकार के होते हैं. एक सफेद तो दूसरा लाल. इसके लाल रंग के कारण इसे जंगल की आग भी कहा जाता है.

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