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'विधायकों को कितना भी नजरबंद कर लें, उनके दिल का दरवाजा खुला है'- गिरिराज सिंह का तेजस्वी यादव पर तंज

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 11, 2024, 1:33 PM IST

Updated : Feb 11, 2024, 1:45 PM IST

Bihar Floor Test: पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के आवास पर विधायकों की नजरबंदी पर गिरिराज सिंह ने तंज कसा है. उन्होंने कहा कि वो अपने विधायकों को कितना भी नजरबंद कर लें, उनके दिल का दरवाजा खुला है. इनके पिंजरा में कोई रहने वाला नहीं है. पढ़ें पूरी खबर..

बिहार फ्लोर टेस्ट
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गिरिराज सिंह, केंद्रीय मंत्री

बेगूसरायः केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव और तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव को पार्टी को तोड़ने में महारत हासिल है, लेकिन इस बार उनकी महारथी नहीं चलने वाली है, क्योंकि एनडीए भी जिंदाबाद है. वो मनोज झा के उस बयान का जवाब दे रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि आरजेडी जिंदाबाद था, जिंदाबाद है और जिंदाबाद रहेगा.

गिरिराज का लालू और तेजस्वी पर हमलाः गिरिराज सिंह ने पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि जिस वक्त उनके पिताजी मुख्यमंत्री थे, सरकार बनाते और गिराते थे. उस वक्त कर्पूरी ठाकुर की याद नहीं आई और उनको भूल गए. अब याद करते हैं. वो अपने विधायकों को कितना भी नजरबंद कर लें, उनके दिल का दरवाजा खुला है. इनके विधायक ही टूट जाएंगे.

"तेजस्वी यादव को अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है. उन्होंने सभी विधायकों को नजरबंद कर लिया है. नजरबंद करने से कुछ नहीं होगा, सबके दिल का दरवाजा खुला हुआ है. इनके पिंजरा में कोई रहने वाला नहीं है. जब से एनडीए की सरकार आई है, तब से लोगों की उम्मीदें मोदी के प्रति बढ़ीं हैं. यूपीए की सरकार में हर माह घोटाला हुआ करते थे"-गिरिराज सिंह, केंद्रीय मंत्री

पीएम मोदी के कामों को गिनायाःइस दौरान गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि देश के युवराज राहुल गांधी की राजनीति सोशल मीडिया पर चलती है, ट्वीट करके. जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद भी बनाते हैं. सड़कें भी बनवाते हैं. ग्राम पंचायत में भी 50 हजार पंचयात भवन बनवाते है. नरेंद्र मोदी विकास का काम करते हैं, राहुल गांधी सोशल मिडिया पर बकवास करते है.

असदुद्दीन ओवैसी पर साधा निशानाः वहीं उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी पर चोट करते हुए कहा कि ओवैसी देश के वैसे व्यक्ति हैं कि जिनके पास नफरत के सिवा कुछ भी नहीं है. 1947 में भारत के विभाजन के समय ही अगर ओवैसी जैसे लोग पाकिस्तान चले गए होते तो आज यह परिस्थितियां सामने नहीं आती. ओवैसी भारत में पाकिस्तान चाहते हैं. दरअसल ओवैसी ने नरसिम्हा राव और लालकृष्ण आडवाणी भारत रत्न दिए जाने का विरोध किया है.

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Last Updated :Feb 11, 2024, 1:45 PM IST

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