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ज्वालेश्वर महादेव के दर्शन करने उमड़ी भीड़, जानिए मंदिर की विशेषता

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 8, 2024, 7:58 PM IST

Updated : Mar 9, 2024, 12:37 PM IST

Shiva Devotees Gathered In Jwaleshwar Mahadev गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के ज्वालेश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि के दिन भक्तों की भीड़ उमड़ी. ऐसी मान्यता है कि इस शिवलिंग में शीतल जल और दूध चढ़ाने से पापों से मुक्ति मिलती है.

Shiva Devotees Gathered In Jwaleshwar Mahadev
ज्वालेश्वर शिवमंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़

ज्वालेश्वर महादेव मंदिर में शिवरात्रि की पूजा



गौरेला पेंड्रा मरवाही :छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की सीमा पर पुरातन ज्वालेश्वर महादेव मंदिर है.शिवरात्रि के दौरान इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी.भक्त अमरकंटक से मां नर्मदा का जल लेकर शिवरात्रि पर्व में जलाभिषेक करने के लिए ज्वालेश्वर मंदिर पहुंचे. इसके बाद भक्तों ने जलाभिषेक के बाद भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना की.


ज्वालेश्वर महादेव मंदिर में शिव की पूजा :हिंदू पंचांग के अनुसार फागुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था. इसलिए हर साल महाशिवरात्रि के अवसर पर ज्वालेश्वर महादेव मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है.इस दौरान मंदिर को फूलों और जगमगाती लाइट्स से सजाया गया था.

मंदिर से जुड़ी पौराणिक मान्यता :ज्वालेश्वर महादेव के संबंध में मान्यता है कि पिनाक धनुष से बाणासुर का वध करने के बाद महादेव ज्वाला के रूप में मैकाल पर्वत पर इसी स्थान पर प्रकट हुए.ये ज्वाला आगे चलकर शिवलिंग के रूप में परिवर्तित हो गई. ज्वालेश्वर शिवलिंग के ठीक नीचे से ही जोहिला नदी का उद्गम भी है. पुराने समय में इस स्थान को महा रूद्र मेर कहा जाता था. स्कंद पुराण में मान्यता है कि ज्वालेश्वर शिवलिंग पर दूध और शीतल जल अर्पित करने से सभी पाप धुलते हैं.साथ ही साथ दुखों का नाश भी हो जाता है.

मंदिर समिति करती है भंडारे का आयोजन :शिवरात्रि और सावन के दौरानमंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है. मैकल पर्वत श्रंखला में विराजे ज्वालेश्वर भोलनाथ के दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं.महाशिवरात्रि के दिन सुबह से लेकर आधी रात तक भोलेनाथ का श्रृंगार और पूजन होता है.साथ ही साथ मंदिर समिति महाशिवरात्रि में भक्तों के लिए भंडारे का आयोजन भी कराती है.

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Last Updated : Mar 9, 2024, 12:37 PM IST

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